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पंजाब में प्रेस कॉन्फ्रेंस करके भारतीय किसान यूनियन ने भूपेंद्र सिंह मान को अपने संगठन से अलग करने का ऐलान किया है। दो दिन पहले मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने कृषि कानूनों पर अंतरिम रोक लगाते हुए एक कमेटी का गठन किया। कमेटी में भूपिन्दर सिंह मान भी थे, जो भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष हैं। किसान नेता भूपिंदर सिंह मान भी उन किसान नेताओं में से हैं जो तीनों कृषि कानूनों का समर्थन करते रहे हैं। आंदोलनरत किसान उनके विरोध में ये कर रहे है।

मजिंदर सिंह सिरसा ने कहा है कि भूपिंदर सिंह मान ने गुरुवार को 4 सदस्यों की किसान समिति से इस्तीफा दे दिया है, जल्द ही अन्य तीन सदस्य भी इस्तीफा दे देंगे। उनका कहना है कि सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के कहने पर मान को कमेटी का सदस्य बनाया था। उनके इस्तीफा देने से यह स्पष्ट हो गया है कि किसानों के विरोध का सामना करने के लिए कोई तैयार नहीं है। सरकार कह रही थी कि चंद किसानों का आंदोलन है, लेकिन आज स्पष्ट हो गया है कि यह देशभर का आंदोलन है। इस आंदोलन के आगे कोई भी खड़ा नहीं होना चाहेगा।

गाजीपुर बॉर्डर पर राकेश टिकैत ने कहा, ‘कमेटी के सदस्य भूपेंद्र मान जी का इस्तीफा इस आंदोलन की वैचारिक जीत का उदाहरण है। भूपेंद्र सिंह मान ने कहा है कि वह किसानों की जन भावनाओं के पंजाब के किसान के साथ हैं। हम उनका धन्यवाद करते हैं कि आज उनके अंदर का किसान जाग गया और हम भूपेंद्र सिंह मान जी को आमंत्रित करते हैं कि वह भी आंदोलन में शामिल हों।’

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