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बिहार में कोरोना मामले पर सुनवाई करने वाली पटना हाईकोर्ट की खंडपीठ अब बदल गई है। बुधवार को जारी नोटिस में कहा गया है कि इन मामलों की सुनवाई अब मुख्य न्यायाधीश संजय करोल एवं न्यायाधीश एस. कुमार की खंडपीठ करेगी। हाईकोर्ट लगातार राज्‍य में कोरोना के इलाज से जुड़ी संपूर्ण व्‍यवस्‍था और ऑक्‍सीजन एवं दवाओं की सप्‍लाई की भी मॉनिटरिंग कर रही है।

उल्लेखनीय है कि सूबे में बेकाबू होते कोरोना संक्रमण और उससे निपटने के लिए सरकारी इंतजाम की मॉनिटरिंग 15 अप्रैल से 4 मई तक न्यायाधीश चक्रधारी शरण सिंह एवं न्यायाधीश मोहित कुमार शाह की खंडपीठ कर रही थी। यह सुनवाई शिवानी कौशिक एवं अन्य की दायर लोकहित याचिकाओं पर की जा रही थी। राज्‍य में कोरोना के इलाज में व्‍यवस्‍था की खामियों, अधूरी तैयारियों और संसाधनों की कमी पर हाईकोर्ट काफी तल्‍ख टिप्‍पणियां कर चुकी है। हाई कोर्ट ने सरकार से यहां तक पूछा था कि राज्‍य में पूर्ण लॉकडाउन कब से लगाया जाएगा। इसके बाद अगले ही दिन राज्‍य सरकार ने पूर्ण लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी।

पटना हाईकोर्ट के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति शिवाजी पांडेय सात मई को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। उसी दिन हाईकोर्ट की ओर से उन्हें विदाई दी जाएगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति संजय करोल की अध्यक्षता में वीडियो कांफ्रेंसिंग से 12.30 बजे पूरी अदालत की बैठक होगी, जिसमें अन्य सभी जजों के साथ ही तीन अधिवक्ता संघों के पदाधिकारी, महाधिवक्ता और केंद्र सरकार के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल भी शामिल होंगे। न्यायमूर्ति पांडेय के सेवानिवृत्त होने के बाद हाईकोर्ट में जजों की संख्या केवल 21 रह जाएगी। कुल पदों की संख्या 53 है, जिसमें 32 पद खाली हैं।