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बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के एक स्कूल भवन में शराब बरामदगी मामले में घिरे मंत्री रामसूरत राय को बुधवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का साथ मिला. मुख्यमंत्री ने कहा कि “मंत्री ने मंगलवार को स्पष्ट रूप से अपनी बातें रख दी हैं.” नीतीश ने शराबबंदी को लेकर मंत्री पर लगाए गए आरोपों पर कहा कि मंत्री रामसूरत राय ने स्पष्ट रूप से अपनी सारी बातें रख दी हैं. उनके परिवार का बंटवारा पहले ही हो चुका है. उन्होंने कभी भी नहीं कहा है कि जो भी इसके लिए जिम्मेदार है, उस पर कार्रवाई नहीं हो.

नीतीश ने आगे कहा कि अनावश्यक रूप से उन पर जो भी आरोप लगाए गए हैं, उसका जवाब उन्होंने दे दिया है. मुख्यमंत्री ने कहा कि 2016 में शराबबंदी का निर्णय लिया गया. सदन में इस पर सर्वसम्मति थी. सभी सदस्यों ने वचन दिया था. उस समय महागठबंधन की सरकार थी. इसके बाद कानून में संशोधन से कुछ प्रस्ताव लाए गए थे, जिस पर सभी लोगों ने अपनी सहमति दी थी. सभी लोगों ने खड़े होकर संकल्प लिया था.

मुख्यमंत्री ने आगे कहा, “हम निरंतर लोगों को कहते रहे हैं कि इसको लेकर सजग रहिए और देखते रहिए. हम कुछ ही दिनों के अंतराल पर संबंधित अधिकरियों के साथ बैठक कर एक-एक चीज की जानकारी लेते रहते हैं.” मुख्यमंत्री ने कहा, “चाहे कानून व्यवस्था का मामला हो या फिर शराबंदी का मामला, सभी चीजों को लेकर हम निरंतर समीक्ष करते रहते हैं.”

सदन में सदस्यों द्वारा मर्यादा तोड़ने को लेकर पूछे गए एक सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा, “गुरुवार को हम सब इस पर विचार-विमर्श करेंगे. सबको इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि कार्यवाही में किसी भी तरह का व्यवधान न हो. अध्यक्ष को सदन चलाने में सहयोग करें, चाहें सत्तापक्ष हो या विपक्ष हो. जिनसे भूल हुई है, उन्होंने क्षमा भी मांग ली है.”