बिहार में मंत्रिमंडल विस्तार और राज्यपाल कोटे से विधान परिषद में मनोनयन के मुद्दे पर भाजपा और जदयू में सहमति बन गई है। मंत्रिमंडल विस्तार में भाजपा और जदयू के नेताओं की संख्या लगभग बराबर रहेगी। राज्यपाल कोटे से विधान परिषद के लिए मनोनयन में भी सीटों का बंटवारा भी बराबर-बराबर ही होगा। वहीं, केंद्रीय मंत्रिमंडल के मामले में समन्वय के लिए नीतीश कुमार ने पार्टी के अध्यक्ष आरसीपी सिंह को अधिकृत किया है।
कल शाम 6 बजे भाजपा के बिहार प्रभारी भूपेंद्र यादव प्रदेश के अध्यक्ष संजय जायसवाल और अपने दोनों उपमुख्यमंत्री तारकिशोर प्रसाद तथा रेणु देवी के साथ सीएम नीतीश कुमार से मिलने मुख्यमंत्री आवास पहुंचे थे। हालांकि मुलाकात के बाद सीएम आवास से निकलने पर भाजपा नेताओं ने कोई बयान नहीं दिया।
एनडीए नेताओं की इस मुलाकात में कई बातें साफ हुईं। जैसे-मंत्रिमंडल में जदयू और भाजपा की हिस्सेदारी कितनी होने वाली है तथा कितने मंत्री जदयू के कोटे से होंगे और कितने मंत्री भाजपा के कोटे से होंगे। राज्यपाल द्वारा मनोनयन को लेकर भी तस्वीर साफ हुई। लंबे समय से फंसे इस मनोनयन को अंतिम रूप दिये जाने की अटकलें लग रही थीं। इसके अलावा भाजपा- जदयू के बीच इस बात पर भी निर्णय के कयास लगाये जा रहे थे कि जो सुशील मोदी और विनोद नारायण झा की विधान परिषद वाली सीट खाली हुई है, उस पर किसको विधान परिषद का सदस्य बनाया जाएगा।