राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बलात्कार, छेड़छाड़, उत्पीड़न और अन्य अपराध के मामलों में 2019 की तुलना में साल 2020 में भारी गिरावट देखी गई है. इसकी जानकारी दिल्ली पुलिस की ओर से जारी आंकड़ों से मिली है. साल 2020 में भारतीय दंड संहिता या आईपीसी के तहत कुल 2,05,324 अपराध के मामले दर्ज किए गए है. जबकि साल 2019 में इसी के तहत 3,01,085 मामले दर्ज किए गए थे.
IPC के तहत प्रति लाख जनसंख्या में कुल अपराधों की संख्या साल 2020 में 1,259 थी. जबकि वहीं साल 2019 में प्रति लाख जनसंख्या में कुल अपराधों की संख्या 1,544 दर्ज की गई थी. साल 2019 की तुलना में पिछले साल यानी 2020 में रेप के मामलों में 21.63 प्रतिशत की कमी आई है. 2019 में 2,168 और 2020 में 1,699 रेप के मामले सामने आए थे. लगभग 98 प्रतिशत बलात्कार के मामलों में आरोपी कोई नजदीकी रिश्तेदार या पीड़िता का कोई जानने वाला था. केवल 2 प्रतिशत रेप के मामलों में ही आरोपी कोई अनजान देखा गया. महिलाओं से छेड़छाड़ के मामलों में भी 25.16 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. 2019 में 2,921 मामले और 2020 में 2,186 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए थे.
वहीं उत्पीड़न के मामलों में भी 12.32 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है. साल 2019 में 495 मामले और 2020 में 434 मामले उत्पीड़न के सामने आए थे. पुलिस के मुताबिक, राजधानी में डकैती के मामलों में भी 40 प्रतिशत की कमी आई है. दिल्ली पुलिस ने कहा कि चोरी के लिए आईपीसी के तहत ऑनलाइन FIR रजिस्ट्रेशन में 65 प्रतिशत से 80 प्रतिशत की पिछले 3 सालों में बढ़ोतरी हुई है. जबकि हत्या के 2019 में 521 मामलों की तुलना में 2020 में 472 मामले दर्ज किए गए हैं. दिल्ली पुलिस के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में 1,634 मामलों की तुलना में 2019 में 1,799 हत्या और चोट पहुंचाने के मामले दर्ज किए गए थे. 2020 में दिल्ली पुलिस ने 90 प्रतिशत हत्या के मामले और 96 प्रतिशत हत्या की कोशिश के मामलों को हल किया था.
फिरौती के लिए अपहरण के 11 मामले 2020 में सामने आए, जबकि 2019 में 15 मामले सामने आए थे. यानी कि फिरौती के लिए अपहरण के मामलों में 27 प्रतिशत की गिरावट देखी गई है और सबसे अहम बात यह कि सभी मामलों को सुलझा लिया गया है.