कोरोना महामारी का असर हर स्तर पर नजर आ रहा है। आगामी वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से राज्य को मिलने वाले सहायता अनुदान में भी करीब 18 हजार करोड़ रुपये से अधिक की कमी होने जा रही है। प्रदेश सरकार ने इस कमी को पूरा करने के लिए चालू वित्त वर्ष के मुकाबले अपने कर राजस्व में 20 हजार करोड़ की वृद्धि का बड़ा लक्ष्य तय कर दिया है।
प्रदेश सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 में केंद्र सरकार से केंद्रीय करों में राज्यांश, सहायता अनुदान व कर्ज के रूप में 2,27,167.90 करोड़ रुपये प्राप्त होने की उम्मीद जताई थी। लेकिन, कोविड महामारी में अर्थव्यवस्था पर पड़े असर की वजह से यह 1,72,922.80 करोड़ रुपये तक सिमटने की नौबत आ गई है। चालू वित्त वर्ष में यह 54245.10 करोड़ रुपये कम है। यही नहीं वित्त वर्ष 2021-22 में भी ऐसे ही हाल रहने की आशंका है। केंद्र से इन मदों में 2,08,673.77 करोड़ रुपये मिलने का अनुमान है। यह चालू वित्त वर्ष के बजट प्रस्ताव की अपेक्षा 18,494.13 करोड़ रुपये कम है।
इस परिस्थिति में राज्य सरकार ने केंद्रीय सहायता व अनुदान में कमी का असर कम करने के लिए अपने कर राजस्व में बड़ी वृद्धि का लक्ष्य तय कर दिया है। 2020-21 में कर आय 1,66,021.10 करोड़ होने का अनुमान लगाया गया था। हालांकि कोविड की वजह से राज्य के कर राजस्व की आय घटकर 1,24,866.94 करोड़ ही रहने का अनुमान है। कर राजस्व में 41154 करोड़ रुपये की कमी के बावजूद सरकार ने 2021-22 में अपना कर राजस्व 1,86,345 करोड़ पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। इसी तरह वित्त वर्ष 2020-21 में करेत्तर राजस्व के रूप में 31,178.93 करोड़ जुटाने का लक्ष्य था। इसके कोरोना की वजह से घटकर 10811.92 करोड़ पर आने की आशंका जताई गई है। इस तरह करीब 20367 करोड़ रुपये की कमी के बाद भी 25421 करोड़ जुटाने का लक्ष्य तय किया गया है। यह चालू वित्त वर्ष के बजट अनुमान की अपेक्षा 5757.93 करोड़ रुपये कम है।