प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह ने रविवार को उत्तराखंड के चमोली में ग्लेशियर टूटने की घटना पर वहां के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत से बात की. मुख्यमंत्री ने पूरी घटना की जानकारी उन्हें देते हुए बताया कि तेजी से राहत एवं बचाव कार्य चल रहा है. प्रधानमंत्री मोदी को असम दौरे के दौरान उत्तराखंड में ग्लेशियर हादसे की जानकारी हुई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर कहा, उत्तराखंड में दुर्भाग्यपूर्ण स्थिति की हम लगातार निगरानी कर रहे हैं. पूरा देश उत्तराखंड के साथ खड़ा है सभी की सुरक्षा के लिए प्रार्थना करता है. वरिष्ठ अधिकारियों से लगातार बात करते हुए एनडीआरएफ की तैनाती राहत एवं बचाव कार्यों का अपडेट प्राप्त कर रहे हैं. इस हादसे में 150 लोगों के मारे जाने की आशंका है, जो पॉवर प्रोजेक्ट पर काम कर रहे थे.
गृहमंत्री अमित शाह ने भी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री से बात की. उन्होंने कहा, उत्तराखंड में प्राकृतिक आपदा की सूचना के संबंध में मैंने मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत जी, डीजी आईटीबीपी, डीजी एनडीआरएफ से बात की है. सभी सम्बंधित अधिकारी लोगों को सुरक्षित करने में युद्धस्तर पर काम कर रहे हैं. एनडीआरएफ की टीमें बचाव कार्य के लिए निकल गयी हैं. देवभूमि को हर सम्भव मदद दी जाएगी. गौरतलब है कि उत्तराखंड के चमोली जिले के रेनी गांव के पास एक पावर प्रोजेक्ट के पास हिमस्खलन होने से धौलीगंगा नदी के जल स्तर में भारी बढ़ोतरी हो गई, जिसकी वजह से जोशीमठ क्षेत्र में लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा है. घटना रेनी गांव के पास हुई, जो जोशीमठ से 26 किमी दूर है. धौलीगंगा नदी के जलस्तर में अचानक बढ़ोतरी हो गई इसके किनारे कई घर नष्ट हो गए.
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने स्थिति का जायजा लेने बचाव राहत कार्यो की निगरानी के लिए एक आपात बैठक बुलाई है. ऋषिकेश हरिद्वार में भले ही आपदा का असर महसूस न हो, लेकिन शहरों को अलर्ट पर रखा गया है. सरकार के एक प्रवक्ता ने कहा कि जिस जगह पर ग्लेशियर टूटे हैं वहां बहुत ज्यादा मानव बसाव नहीं था, लेकिन कई बिजली परियोजनाएं प्रभावित हुई हैं. सरकार ने लोगों से गंगा नदी के पास न जाने की अपील भी की है.