उत्तर प्रदेश कांग्रेस ने किसानों को उनकी उपज का 72 घंटे के अन्दर भुगतान किए जाने के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के बयान को झूठा और हास्यास्पद करार दिया। उन्होंने कहा है कि यह बयान प्रदेश के किसानों के साथ एक और छलावा है। पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता डॉ. उमा शंकर पांडेय ने जारी बयान में कहा कि योगी सरकार के इशारे पर पुलिस ने बागपत में रात के समय किसानों पर उत्पीड़नात्मक कार्रवाई की और लाठीचार्ज कर किसानों का आन्दोलन समाप्त कराया। इस घटना में तमाम किसान गंभीर रूप से घायल हुए। यही आदेश योगी सरकार ने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं पुलिस कप्तानों को दिया था।उन्होंने कहा कि गाजीपुर बॉर्डर पर भी किसानों के आन्दोलन को समाप्त कराने की पूरी तैयारी थी मगर तमाम किसान नेताओं के संघर्ष, साहस और प्रबल विरोध के बाद यह संभव नहीं हो सका।
राहुल गांधी, प्रियंका वाड्रा और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू ने भी किसानों के समर्थन में आवाज उठाई जिसके चलते योगी सरकार को अपने कदम पीछे खींचने के लिए मजबूर होना पड़ा।
प्रवक्ता ने कहा कि दिल्ली-गाजीपुर बॉर्डर पर केन्द्र की भाजपा सरकार द्वारा लागू किए गए तीन काले कृषि कानूनों को वापस लिए जाने तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी की मांग को लेकर विगत 70 दिनों से इस हाड़ कंपाने वाली ठंड में आन्दोलनरत अन्नदाता किसानों पर भाजपा सरकार द्वारा किए जा रहे दमन और उत्पीड़नात्मक कार्रवाई खुद ब खुद मुख्यमंत्री के किसानों के प्रति उदासीन और किसान विरोधी रवैये को उजागर करता है।
उन्होंने कहा कि भाजपा ने विधानसभा चुनाव के दौरान अपने संकल्प पत्र में 14 दिनों के अन्दर गन्ना किसानों के बकाए भुगतान और भुगतान न होने की स्थिति में बकाए पर ब्याज सहित भुगतान करने का वादा किया था मगर योगी सरकार के चार वर्ष बीत रहे हैं और गन्ना किसानों का अभी तक बकाया भुगतान नहीं हो पाया है। आर्थिक तंगी के चलते किसानों को आत्महत्या तक करनी पड़ी है। बुन्देलखण्ड के दर्जनों किसानों ने भाजपा सरकार की किसान विरोधी नीतियों के चलते आत्महत्या कर ली है।