मुख्यमंत्री योगी शुक्रवार को रामगढ़ ताल समीप स्थित महंत दिग्विजयनाथ पार्क (नुमाइश ग्राउंड) में 76.39 करोड़ रुपये की 9 विकास परियोजनाओं के लोकार्पण व 54.20 करोड़ की 16 परियोजनाओं के शिलान्यास के बाद उपस्थित जनसमूह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि विकास की परियोजनाओं से न केवल बुनियादी सुविधाओं को नई ऊंचाईयां मिलेंगी बल्कि प्रदेश आर्थिक समृद्धि को भी प्राप्त करेगा.
मुख्यमंत्री योगी ने जोर देकर कहा कि विकास का कोई विकल्प नहीं हो सकता. उन्होंने कहा कि पिछले माह केंद्र सरकार और फिर 22 फरवरी को राज्य सरकार ने बजट पेश किया. दोनों सरकारों का बजट विकास और रोजगार पर केंद्रित है. पीएम नरेंद्र मोदी की समग्र विकास की परिकल्पना को मूर्त रूप देने का कार्य 2017 में उत्तर प्रदेश में आई भाजपा सरकार ने किया है. आज प्रदेश में ऐसा कोई जनपद, लोकसभा, विधानसभा, विकास खण्ड या गांव नहीं है, जहां विकास की बड़ी परियोजनाओं का लाभ न मिला हो.
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि 1990 में बंद गोरखपुर का खाद कारखाना इस साल जुलाई तक पूर्ण हो जाएगा. इससे किसानों को सही, सस्ती व गुणवत्तापूर्ण खाद मिलेगी तो नौजवानों को बड़ी संख्या में रोजगार व नौकरी. खाद कारखाने से जब धुंआ उठेगा तो नए भारत की तस्वीर में अपना गोरखपुर चमकता हुआ दिखाई देगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद कारखाने में युवाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण देकर उन्हें रोजगार उन्मुख बनाया जाएगा.
सीएम योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में जल्द ही प्लास्टिक पार्क स्थापित किए जाने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि इस पार्क में 100 से अधिक प्लास्टिक यूनिट्स लगेंगी. इसमें 25000 से अधिक लोगों को रोजगार मिलेगा. उन्होंने कहा कि अभी हाल में ही प्राधनमंत्री मोदी ने टॉय फेस्टिवल का शुभारंभ किया था, प्लास्टिक पार्क खिलौना उद्योग के क्षेत्र में क्रांति ला सकता है. उन्होंने कहा कि पहले गोरखपुर से एक भी हवाई सेवा नहीं थी, आज मुंबई, दिल्ली समेत आठ प्रमुख शहरों के लिए यहां से फ्लाइट हैं. कुशीनगर में अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा शुरू होने जा रही है. कुशीनगर में जापान, सिंगापुर, श्रीलंका के विमान आने की कल्पना भी किसी ने नहीं की थी. “भगवान राम ही पुष्पक विमान से आए थे, अब हर नागरिक आ-जा सकता है.”
योगी ने सड़कों के विस्तारीकरण और चौड़ीकरण का जिक्र करते हुए कहा कि, “पहले गोरखपुर से लखनऊ जाने का एक ही मार्ग था, अब लिंक एक्सप्रेस वे के जरिए एक और विकल्प मिल रहा है. उतनी ही दूरी को महज 3 घण्टे में पूरा किया जा सकता है. फोरलेन सड़कों के होने से आज गोरखपुर से नेपाल की यात्रा महज डेढ़ घण्टे में पूरी हो जाती है. पहले डेढ़ घण्टे गोरखपुर शहर में ही लग जाता था. “