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मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय ने गुरुवार को कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और नलिन यादव की जमानत याचिका खारिज कर दी है. कॉमेडियन मुनव्वर फारुकी और नलिन यादव पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने का आरोप है. हिंदू देवी-देवताओं को लेकर कथित आपत्तिजनक टिप्पणियों के मामले में गुजरात के हास्य कलाकार मुनव्वर फारुकी की जमानत याचिका पर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने सोमवार को सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था. गुरुवार को मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय ने जमानत याचिका खारिज करने का फैसला सुनाया.

उच्च न्यायालय की इंदौर पीठ के न्यायमूर्ति रोहित आर्य ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिये फैसला सुनाया. वरिष्ठ अधिवक्ता व राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने फारुकी की ओर से पैरवी करते हुए हास्य कलाकार के खिलाफ भारतीय दंड विधान की धारा 295-ए (किसी वर्ग की धार्मिक भावनाओं को आहत करने के इरादे से जान-बूझकर किए गए विद्वेषपूर्ण कार्य) के तहत प्राथमिकी दर्ज किए जाने को लेकर सवाल उठाए थे.

जिला अदालत के एक मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और इसके बाद एक सत्र न्यायाधीश फारुकी की जमानत अर्जियां दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद खारिज कर दी थीं. इसके बाद हास्य कलाकार ने जमानत पर रिहाई के लिए उच्च न्यायालय की शरण ली. पुलिस अधिकारियों के मुताबिक स्थानीय भाजपा विधायक के बेटे एकलव्य सिंह गौड़ ने फारूकी और हास्य कार्यक्रम के आयोजन से जुड़े चार अन्य लोगों के खिलाफ तुकोगंज पुलिस थाने में एक जनवरी की रात मामला दर्ज कराया था.

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