दिल्ली में रानी झांसी फ्लाईओवर को लेकर राजनीतिक बयानबाजी तेज हो गई है. रविवार को आम आदमी पार्टी के नगर निगम प्रभारी दुर्गेश पाठक ने रानी झांसी फ्लाईओवर की ऑडिट रिपोर्ट पर बीजेपी से पांच सवालों के जवाब मांगे हैं. दुर्गेश पाठक ने ऑडिट रिपोर्ट का हवाला देते हुए आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी ने रानी झांसी फ्लाईओवर को बनाने में 24 साल लगा दिए. बीजेपी ने 175 करोड़ के बजट के फ्लाईओवर को 724 करोड़ में बनाया और 546 करोड़ का घोटाला किया.
आप के बीजेपी पर आरोप और 5 सवाल
- जब रानी झांसी फ्लाईओवर बनने का प्रस्ताव आया तो कहा गया कि यह फ्लाईओवर 2 साल के अंदर बनकर तैयार हो जाएगा. जो फ्लाईओवर 2 सालों में बनकर तैयार हो सकता था, उसको बनने में 24 साल क्यों लगे?
- जब रानी झांसी फ्लाईओवर बनने की बात हुई तो कहा गया कि यह 175 करोड़ रुपये में बन जाएगा, लेकिन असल में इसे 724 करोड़ रुपये में बनाया गया. मेरा प्रश्न ये है कि जिस फ्लाईओवर को 175 करोड़ में बनाया जा सकता था, उसमें 724 करोड़ कैसे लग गए?
- इस फ्लाईओवर की जमीन जो सरकारी है, उस पर एक छोटा धार्मिक स्थान बना हुआ था. एमसीडी ने उस सरकारी जमीन का अधिग्रहण किया. जो जमीन पहले ही सरकारी है तो एमसीडी उसका अधिग्रहण कैसे कर सकती है. एमसीडी ने इस सरकारी जमीन के अधिग्रहण में लगभग 27 करोड़ रुपयों का भुगतान किया, क्यों?
- हिंदुस्तान में यह पहला ऐसा मामला होगा जहां पर बीजेपी के नेताओं और इंजीनियरों ने बैठकर जमीन का अधिग्रहण किया. जब जमीन का अधिग्रहण सरकारी एजेंसी की मदद से किया जाता है तो नेताओं और इंजीनियरों को क्यों चयनित किया?
- आईएलएस नाम की एक कंपनी है, जिसका काम था कि वो प्रोजेक्ट की विस्तृत रिपोर्ट (डीपीआर) बनाकर देगी, जिसके लिए एमसीडी ने कंपनी को 7 करोड़ रुपये दिए, लेकिन उस कंपनी ने आजतक एक भी रिपोर्ट बनाकर नहीं दी. जिसने विस्तृत रिपोर्ट ही नहीं बनाया, आपने उस कंपनी को 7 करोड़ रुपये क्यों दिए?
दुर्गेश पाठक ने कहा कि बीजेपी के नेताओं और प्रदेश अध्यक्ष आदेश गुप्ता से ये हमारे पांच मूल प्रश्न हैं. यदि बीजेपी में कार्यरत किसी भी व्यक्ति को इसका जवाब देना है तो वह दे सकता है. मुझे लगता है कि दिल्ली की जनता इन पांचों प्रश्नों का जवाब मांग रही है, दिल्ली की जनता चाहती है कि आदेश गुप्ता इन प्रश्नों का जवाब दें. मैं आशा करता हूं कि भारतीय जनता पार्टी इन पांचों प्रश्नों का जवाब देगी.