सुप्रीम कोर्ट और केंद्र सरकार से कृषि कानूनों पर ठोस जवाब न मिलने के बाद किसानों ने गणतंत्र दिवस पर ट्रैक्टर तिरंगा रैली निकालने की तैयारियां तेज कर दी हैं। यूपी, पंजाब, हरियाणा, राजस्थान और अन्य राज्यों से सैकड़ों ट्रैक्टरों के साथ किसान दिल्ली के सिंघु बॉर्डर, टीकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंच चुके हैं। दिल्ली पुलिस किसानों को ट्रैक्टर रैली न निकालने के लिए मनाती रही लेकिन किसान नहीं माने। दरअसल, किसान आंदोलन को लगभग दो महीने होने को आए हैं। तीनों कृषि कानूनों के विरोध में लगातार ठंड में प्रदर्शन कर रहे किसानों का गुस्सा भी बढ़ता जा रहा है। किसान जमकर सरकार की आलोचना कर रहे हैं। बुधवार को जहां पुलिस किसानों को 26 जनवरी पर ट्रैक्टर मार्च न निकालने के लिए मनाने में जुटी रही, वहीं किसान भी इसे अपना अधिकार बताकर मार्च निकालने की जिद पर अड़े रहे। किसानों का कहना था कि पुलिस फोर्स में मौजूद जवान भी तो किसानों के बेटे हैं, उनको उम्मीद है कि जवान सरकार की बात न मानकर किसानों का ही साथ देंगे। जैसे-जैसे 26 जनवरी नजदीक आ रही है, वैसे-वैसे गाजीपुर बार्डर पर किसानों की संख्या बढ़ती जा रही है। किसानों का कहना है कि दूसरे राज्यों में उनको दिल्ली आने से रोका जा रहा है। लेकिन वह हर हाल में दिमल्ली पहुंचेंगे। गाजीपुर बार्डर पर बढ़ रही भीड़ का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मंच पर अपनी बात रखने के लिए चार-चार दिनों में किसानों का नंबर आ रहा है। किसानों को अपनी बात रखने के लिए दो से तीन मिनट का ही समय दिया जा रहा है। मंच से अपनी बात रखने के लिए संचालक के पास अपना नाम लिखवाना होता है। इसके बाद ही मंच से बोलने की इजाजत होती है। बुधवार को ज्यादातर वक्ताओं ने सरकार की जमकर आलोचना की। किसानों का कहना था कि यदि किसान बर्बाद हो जाएगा तो देश का अस्तित्व खतरे में आ जाएगा। दोपहर दो बजे के बाद मंच के पीछे गतके का भी आयोजन किया गया। दूसरी ओर किसानों की बढ़ती संख्या को देखते हुए बार्डर की सुरक्षा व्यवस्था को भी बढ़ा दिया गया है। यहां लोकल पुलिस के अलावा अर्द्धसैनिक बलों की कई कंपनियां तैनात कर दी गई हैं। टीकरी बर्डर पर बुधवार को पूर्व सैनिकों की ओर से परेड निकाली गई। यह 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस के मौके पर निकाली जाने वाली किसानों की परेड की झलकी मात्र थी। किसानों ने कहा कि 23 जनवरी को दिल्ली की सभी सीमाओं पर परेड का सेमीफाइनल देखने को मिलेगा और 26 जनवरी को पूरी ताकत और तैयारी के साथ फाइनल होगा। पंजाब और हरियाणा के पूर्व सैनिकों के समूह सबका सैनिक संघर्ष कमेटी की ओर से बुधवार को यह परेड निकाली गई। हरियाणा के चरखी दादरी निवासी नायक अजीत सिंह ने इस परेड का नेतृत्व किया। वह हाथ में राष्ट्रध्वज तिरंगा थामे आगे चल रहे थे, उनके पीछे उनके बाकी साथी इस परेड का हिस्सा थे। राजपूताना राइफल्स से सोवानिवृत्त हुए कपिल फौजी ने कहा कि इस परेड में केवल जवान शामिल हैं। अफसरों को इसमें शामिल होने का मौका नहीं दिया गया है। बुधवार को टीकरी बॉर्डर पर बने संयुक्त किसान मोर्चा के मंच से लगभग 200 मीटर पीछे से यह परेड शुरू की गई। जिसे पूर्व सैनिकों ने मंच पर जाकर समाप्त किया। मंच पर किसानों ने उनका स्वागत किया। सबका सैनिक संघर्ष कमेटी के राष्ट्रीय सलाहकार सूबेदार मेजर एसपी गौशल ने कहा कि यह 26 जनवरी को होने वाली परेड की झलकी है। जिसका नेतृत्व नारी शक्ति करेंगी और उनके पीछे पूर्व सैनिक, किसान और उनके ट्रैक्टर परेड का हिस्सा होंगे। उन्होंने कहा कि 23 जनवरी को इसी तरह से सेमीफाइनल परेड देखने को मिलेगी। जिसका स्वरूप आज से काफी बड़ा होगा। इसके बाद 26 जनवरी को पूरी ताकत और तरीके से किसानों की परेड निकाली जाएगी।