गोरखपुर सहित पूरा पूर्वांचल इस वक्‍त घने कोहरे के आगोश में है। दो मीटर की दूसरी पर कुछ दिखना मुश्किल हो गया है। सुबह से ही ऐसा घना कोहरा छाया है कि धूप निकलने की संभावना नहीं दिख रहीं। वहीं ठंडी हवाओं ने लोगों की दिक्‍कतें और बढ़ा दी हैं। ऊपरी वायुमंडल में धुंध की ऐसी परत छाई है कि सूरज बिल्‍कुल नहीं दिखाई दे रहे हैं। कोहरे के कारण बिल्‍कुल करीब का देखने के लिए भी सड़क पर दिन में लोगों को वाहनों की लाइट जलाकर चलना पड़ रहा है। दर्घटनाओं का खतरा कई गुना बढ़ गया है। मौसम विज्ञानियों का कहना है कि पूर्वांचल समेत पूरे उत्‍तर प्रदेश में सर्द हवा, गलन और पारे में गिरावट का यह सिलसिला अभी दो-तीन दिन जारी रहेगा, उसके बाद मौसम में थोड़ा सुधार आएगा। मौसम निदेशक जे.पी.गुप्ता का कहना है कि पाला पड़ने से फसलों को नुकसान का अंदेशा है। रात का तापमान पांच डिग्री सेल्सियस से कम हो जाने पर पाला पड़ने की स्थिति बनती है। मौसम निदेशक ने मौसम के मौजूदा मिजाज के पीछे पहाड़ों पर पिछले दिनों हुई बर्फबारी और उसके बाद चल रही उत्तरी पश्चिमी हवा को जिम्मेदार बताया। बीते चौबीस घण्टों के दौरान प्रदेश में कई स्थानों पर कोल्ड डे की वजह से दिन में धूप नहीं निकली। हालांकि राजधानी लखनऊ और आसपास के इलाकों में चटख गुनगुनी धूप निकली। गुरुवार के मुकाबले शुक्रवार को गलन भी कम रही। मगर शाम होते-होते ठण्ड का असर बढ़ गया। इस दरम्यान पूरे प्रदेश में शीतलहर का प्रकोप बना रहा। पश्चिमी यूपी में सुबह व रात में घना कोहरा बना रहा।

शुक्रवार को करीब 15 किलोमीटर की रफ्तार से चल रहे बर्फीले पछुआ हवाओं के कारण लोगों को हाड़कंपाती ठंड का अहसास हुआ। दिन में गलन बढ़ गई। शुक्रवार को तड़के से ही मौसम ने करवट ली है। तड़के घना कोहरा छाया रहा। दिन चढ़ने के साथ ही धुंध बादलों की शक्ल में शहर के आसमान पर छाई रही। सूरज बादलों की ओट में छिपा रहा। सर्द हवाओं के कारण रात का न्यूनतम तापमान लुढ़क कर 7.4 डिसे तक पहुंच गया। इसके कारण दिनभर हाड़कंपाती ठंड रही। लोग गलन के कारण घरों में दुबके रहे। सड़कों पर यातायात कम रहा। सर्द हवाओं के कारण बीते 24 घंटे में ही दिन का तापमान करीब 8 डिग्री सेल्सियस नीचे लुढ़क गया है। शुक्रवार को दिन में अधिकतम तापमान 13.4 डिग्री सेल्सियस रहा। यह सामान्य से करीब 12 डि से कम है।

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