एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर का खतरा पैदा हो रहा है. वहीं दूसरी तरफ इसको लेकर राजनीति भी तेज हो गई है. गुजरात में विधानसभा सत्र के दौरान कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने भाजपा नेताओं पर कोरोना फैलाने का आरोप लगाया है. उन्होंने आरोप लगाया कि कोरोना की पहली लहर जब देश में आई तो अहमदाबाद में नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम में लाखों की भीड़ इकट्ठा की गई. उन्होंने भाजपा नेताओं और सरकार पर लापरवाही बरतने का आरोप भी लगाया है. उनका कहना है कि भाजपा ने लापरवाही बरती, जिससे राज्य में कोरोना फैल गया. कांग्रेस विधायक ग्यासुद्दीन शेख ने इसके लिए तीन वजहें भी बताईं.
उन्होंने बताया कि देश में कोरोना की जब पहली लहर आई थी, तब अहमदाबाद में नमस्ते ट्रम्प कार्यक्रम रखा गया. लाखों की भीड़ जुटाई गई. पहली लहर के बाद कोरोना वॉरियर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और लोगों की जागरूकता की वजह से मामले घट गए. लेकिन फिर दिवाली के वक्त निकाय चुनाव कराए गए. भाजपा नेताओं ने किसी भी चुनावी रैली में मास्क नहीं पहने थे. इससे हालात ऐसे बन गए कि अस्पतालों में बेड की कमी हो गई. और अब नरेंद्र मोदी स्टेडियम में हजारों लोगों को इकट्ठा किया जा रहा है.
ग्यासुद्दीन शेख ने आगे कहा कि भाजपा के नेता कोरोना के सुपर स्प्रेडर हैं. उनसे 1 हजार रुपए का जुर्माना वसूल करना चाहिए. उन्होंने दावा किया कि भाजपा के अहमदाबाद के 160 पार्षदों ने गांधीनगर के फार्महाउस में एक टिफिन मीटिंग भी की थी, लेकिन मास्क नहीं पहना था. उनका कहना है कि नेताओं पर कोई जुर्माना नहीं हुआ लेकिन कोई आम आदमी बगैर मास्क के बाहर निकलता है, तो उसे जुर्माना देना पड़ता है.
लेकिन जब उनसे पूछा गया कि कांग्रेस के नेता भी सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क नहीं पहनते तो इस पर उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नेता भाजपा नेताओं को देखकर मास्क नहीं पहनते. भाजपा सरकार की कम होती राजनैतिक इच्छाशक्ति की वजह से कोरोना कंट्रोल नहीं हो रहा है.