गुजरात के वड़ोदरा जिले में रविवार को कोविड-19 का टीका लगवाने के कुछ ही घंटे बाद 30 वर्षीय सफाई कर्मचारी की मौत हो गई। अधिकारियों ने बताया कि मौत के वास्तविक कारण का पता लगाने के लिए पोस्टमॉर्टम का आदेश दिया गया है। सफाई कर्मचारी के परिजन को संदेह है कि कोविड-19 टीके के कारण उसकी मौत हुई है।
अधिकारियों ने बताया कि संभवत: उसकी मौत दिल का दौरा पडऩे से हुई है क्योंकि उसे 2016 से हृदय रोग था और वह दवा भी नहीं ले रहा था। जिग्नेश सोलंकी वड़ोदरा महानगर पालिका में सफाई कर्मचारी था। सोलंकी को रविवार सुबह टीका लगा था। कुछ घंटे बाद वह अपने घर पर बेहोश हो गया और उसे शहर के एसएसजी अस्पताल ले जाया गया जहां डॉक्टरों ने उसे मृत लाया घोषित कर दिया। सोलंकी की पत्नी दिव्या का कहना है, मुझे नहीं पता था कि वह टीका लगवाने जा रहे हैं। हमारी इस बारे में कोई बात नहीं हुई थी। टीका लगवाने के बाद वह घर लौटे, और बेटी के साथ खेलने के दौरान बेहोश हो गए। हमें संदेह है कि कोविड-19 टीके के कारण उनकी अचानक मौत हुई है।
एसएसजी अस्पताल के मेडिकल अधीक्षक डॉक्टर रंजन अय्यर ने बताया कि सोलंकी को नगर निकाय के टीकाकरण केन्द्र पर टीका लगाया गया और आधे घंटे उसके स्वास्थ्य पर नजर रखी गई। डॉक्टर अय्यर ने कहा, उस दौरान सोलंकी के शरीर पर कोई प्रतिकूल प्रभाव नहीं दिखा। उसे एसएसजी अस्पताल में मृत लाया गया घोषित किया गया। उन्होंने बताया, च्च्हमें पता चला है कि करीब छह महीने पहले सोलंकी के सीने में दर्द हुआ था और उसे निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। संभव है कि उसकी मौत दिल का दौरा पडऩे से हुई हो, क्योंकि उसे हृदय रोग था। हम मौत की कारण का पता लगाने के लिए पैनल द्वारा पोस्टमॉर्टम कराएंगे।