मकर संक्रांति के दिन गंगा में स्नान का खास महत्व है। यही वजह है कि इस मौके पर धर्मनगरी हरिद्वार में बड़ी संख्या में लोगों की भीड़ जुटती है। हालांकि कोरोना संक्रमण को देखते हुए इस बार जिला प्रशासन ने सख्ताई बरती है। मकर संक्रांति के पर्व को लेकर हरिद्वार जिला प्रशासन ने एडवाजरी जारी कर दी है। मकर संक्रांति के पर्व को कुंभ का स्नान नहीं माना जा रहा है, इसीलिए इसे मेला प्रशासन की बजाय जिला प्रशासन इसकी व्यवस्थाओं में जुटा है।
जिला प्रशासन ने मकर संक्रांति के पर्व को लेकर नई एडवाजरी जारी की है। इसके तहत यहां आने वाले श्रद्धालुओं को कोरोना की आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लानी होगी। एडवाइजरी के तहत बुजुर्ग और बीमार व्यक्तियों के लिए आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य होगा। यही नहीं जिला प्रशासन ने अन्य श्रद्धालुओं से भी आरटीपीसीआर निगेटिव रिपोर्ट लाने की उमीद जताई है।
कोरोना के बाद गंगा स्नान का यह पहला बड़ा पर्व होगा, जिसमें श्रद्धालुओं को आने की छूट दी जा रही है। हालांकि इस दौरान प्रशासन ने कोविड-19 की गाइडलाइन का सख्ती से पालन करने का निर्देश दिया है। कोरोना काल में इससे पहले जितने भी स्नान हुए हैं उन सब को स्थगित किया जा चुका है।