हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने रविवार को कहा कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना का तीसरे चरण का पहला बैच सफलतापूर्वक पूरा करने वाला हरियाणा पहला राज्य है. इस चरण में 383.58 करोड़ रुपये की लागत से 690 किलोमीटर ग्रामीण सड़कों की योजना बनाई गई थी. इसके अलावा, हरियाणा इस योजना के तहत एक और ऐतिहासिक सफलता हासिल करने वाला पहला राज्य बन गया है, क्योंकि इसे 5 मार्च को दूसरे चरण में लगभग 550 करोड़ रुपये की लागत से 120 सड़कों के निर्माण की मंजूरी थी. चौटाला ने कहा कि 14 जिलों में सड़कों की कुल लंबाई 1,217 किलोमीटर है. 75 प्रतिशत रोजगार का कानून बनाया गया उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के पास लोक निर्माण विभाग भी है.
उन्होंने बताया कि नौ सड़कें अंबाला जिले में हैं, 17 भिवानी, दो फरीदाबाद, 14 फतेहाबाद, 14 हिसार, तीन जींद, सात कैथल में हैं. कुरुक्षेत्र में आठ, महेंद्रगढ़ में एक पलवल में 12, पानीपत में 11, रोहतक में चार, सिरसा में सात और सोनीपत जिले में 11 हैं. इससे पहले, उन्होंने कहा कि 11 जिलों के लिए 670 किलोमीटर की सड़कों को मंजूरी दी गई थी.
उप-मुख्यमंत्री ने कहा कि देश के विकास में हरियाणा का पूरा योगदान होने के बावजूद राज्य की बेरोजगारी दर का बढ़ना और राज्य के युवाओं को नौकरियों से वंचित रखना कई सवाल खड़े करता है. इन सबका जवाब युवाओं को 75 प्रतिशत आरक्षण देकर ही दिया जा सकता था. युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने और उन्हें हक दिलाने के लिए 75 प्रतिशत रोजगार का कानून बनाया गया है.
दुष्यंत ने कहा कि देश के विकास में बड़ा योगदान देने के बावजूद हरियाणा अपने नागरिकों की आर्थिक, सामाजिक सुरक्षा की रक्षा करने में पीछे रहा है. दूसरे राज्यों के लोगों को रोजगार, घर, सामाजिक और आर्थिक सुरक्षा देने वाले हरियाणा राज्य में बेरोजगारी दर बढ़ी है. पिछले दो दशक में लाखों एकड़ जमीन अधिग्रहण कर जो कारखाने, कंपनियां हरियाणा में लगाई गईं, उनमें हरियाणा के मूल निवासी तो 15 प्रतिशत से भी कम हैं.