आधुनिकता के इस युग में किसान परम्परागत खेती का मोह त्याग कर बागवानी और ऑर्गेनिक खेती को बढ़ावा दे रहे हैं. इस तरह की खेती के लिए नई तकनीक ईजाद की जा रही है और आधुनिक मशीनरी का इस्तेमाल हो रहा है, जिससे दिनों में होने वाला काम कुछ घंटों तक सिमट कर रह गया है. इसी कड़ी में सोनीपत स्थित एक यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने एक ऐसा ड्रोन तैयार किया है, जो किसानों के लिए काफी फायदेमंद साबित होगा

  • सोनीपत के मुरथल स्थित दीन बंधु छोटूराम यूनिवर्सिटी के स्टूडेंट्स ने कृषि क्षेत्र में किसानों की मदद के लिए कम लागत में एक ड्रोन तैयार किया है, जो कृषि क्षेत्र में क्रांतिकारी बदलाव की ओर अग्रसर होगा. जैसे- जैसे नई नई तकनीक आगे बढ़ रही है, वैसे- वैसे फसल में भी बीमारियों का ग्राफ लगातार बढ़ रहा है, जिसको देखते हुए स्टूडेंट्स ने इस खास ड्रोन को तैयार किया है.

स्टूडेंट्स का कहना है कि ये ड्रोन पेड़ों, पत्तो और फसल खराब होने के विषय में रोबोटिक्स तकनीक का पता लगाएगा. ये ड्रोन रोबोटिक इस तकनीक पर काम करेगा कि फसले और पेड़ों के पत्ते आखिर किस वजह से खराब हो रहें हैं. इस पर चिंतन कर वह एक डाटा तैयार करेगा जिससे किसानों को पेड़ों और फसलों के खराब होने के कारणों का पत्ता चल पाएगा.

दीनबंधु छोटू राम विज्ञान और प्रौद्योगिकी संस्थान के स्टूडेंट्स वंश, तरूण और सुहाना ने बताया कि आजकल मार्केट में लाखों रुपए के ड्रोन मिल रहें हैं जो किसानों की पहुंच से बाहर है लेकिन हमने मात्र 20 हजार रूपए खर्च कर इस ड्रोन को तैयार किया है. इसके कुछ पार्ट उन्होंने बाहर से मंगवाए हैं जबकि कुछ पार्ट खुद ही तैयार किए हैं.

  • उन्होंने बताया कि अभी यह ड्रोन केवल 10 मिनट ही हवा में उड़ सकता है लेकिन इसको और अधिक प्रभावशाली बनाने के लिए इसमें जीपीएस सिस्टम लगाया जाएगा.