कोरोना महामारी के बाद अब बर्ड फ्लू से पंजाब के पोल्ट्री कारोबार पर दहशत का माहौल है। हालांकि राज्य में अभी तक बर्ड फ्लू का कोई केस रिपोर्ट नहीं हुआ है। इसके बावजूद राज्य में होने वाले छह हजार करोड़ के पोल्ट्री कारोबार पर इसका असर साफ दिख रहा है। बीते दो दिनों में पोल्ट्री उत्पादों की मांग में लगभग 25 फसदी की गिरावट दर्ज की जा चुकी है। ऐसे में कारोबारियों के चेहरों पर चिंता छाई है। इस मुद्दे को लेकर इंडिपेंडेंट पोल्ट्री एसोसिएशन पंजाब का एक प्रतिनिधिमंडल बुधवार को एनिमल हसबेंडरी विभाग के एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वीके जंझुआ से भी मिला है। इसमें लोगों में पोल्ट्री उत्पादों के प्रति फैल रहे भ्रम को दूर करने की बात कही गई है। इंडिपेंडेंट पोल्ट्री एसोसिएशन पंजाब प्रधान संजय शर्मा ने बताया कि पंजाब में अब तक बर्ड फ्लू का कोई केस नहीं आया है। हिमाचल प्रदेश में विदेश से आए पंछी मृत मिले हैं लेकिन पोल्ट्री फार्मिंग पर इसका असर नहीं है। इसी तरह हरियाणा के पोल्ट्री फार्मों में कुछ मौतों की बात कही जा रही है, लेकिन वह बर्ड फ्लू के कारण नहीं है। इसके बावजूद पंजाब के पोल्ट्री कारोबार पर असर पड़ा है। कुछ दिन पहले मुर्गे या मुर्गी का रेट 92 रुपये प्रति किलो था, बुधवार को यह 65 रुपये रह गया है। उनका तर्क है कि 2005 में पहली बार बर्ड फ्लू फैला था और आज तक इससे किसी व्यक्ति की मौत नहीं हुई है। यह सिर्फ पंछियों में फैलता है। वैसे भी चिकन को लगभग 100 डिग्री तापमान पर पकाया जाता है। इतने तापमान के बाद बीमारी की आशंका नहीं रहती है। पहले कोरोना ने पोल्ट्री कारोबार का खेल बिगाड़ा, अब बर्ड फ्लू। इसी मुद्दे को लेकर बुधवार को एडिशनल चीफ सेक्रेटरी वीके जंझुआ से वह मिले। उन्होंने आश्वासन दिया कि जल्द ही जिला स्तर पर विभाग के डायरेक्टर आम लोगों को जागरूक करेंगे।

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