देश में कोरोना महामारी के बीच बर्ड फ्लू का खतरा मंडराने लगा है। राजस्थान के अलग-अलग जिलों में 252 कौवों की मौत के बाद अब हिमाचल प्रदेश, मध्यप्रदेश और केरल में भी पक्षियों की रहस्यमय मौत से हड़कंप मच गया है। हिमाचल के कांगड़ा जिले के पौंग बांध अभयारण्य में बीते एक हफ्ते में 1800 प्रवासी पक्षियों की मौत का मामला सामने आया है। इनमें सोमवार को मिले 505 मृत पक्षी भी शामिल हैं। भोपाल और बरेली से आई सैंपल रिपोर्ट में इन पक्षियों में बर्ड फ्लू (एवियन इन्फ्लएंजा वायरस) की पुष्टि हो गई है। कांगड़ा जिला प्रशासन ने देहरा, ज्वाली, इंदौरा और फतेहपुर उपमंडल में चिकन, अंडे, मछली समेत पोल्ट्री उत्पादों को बेचने पर रोक लगा दी है।इसके अलावा, पौंग बांध और उससे सटे क्षेत्रों में पशुओें को छोड़ने और खेतीबाड़ी जैसी गतिविधियों पर भी पाबंदी रहेगी। आदेशों की अवहेलना करने पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। वहीं, केरल के कोट्टायम और अलप्पुझा में मामले सामने आने के बाद इन क्षेत्रों के एक किमी के दायरे में बतखों, मुर्गियों और अन्य पालतू पक्षियों को मारने का आदेश जारी कर दिया है। कई और राज्य भी सतर्क हो गए हैं। केरल के पशुपालन और डेयरी विकास मंत्री के. राजू ने बताया कि दो जिलों में बतखों में बर्ड फ्लू की पुष्टि के बाद हाई अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसके तहत वायरस को फैलने से रोकेने के लिए 50 हजार बतखों को मारा जाएगा। किसानों की भरपाई सरकार करेगी। अधिकारियों ने बताया कि अब तक 12 हजार बतख मर चुके हैं, जबकि 36 हजार को मारा जाना बाकी है। लोगों को सावधानी बरतने को कहा गया है। मध्यप्रदेश के इंदौर में मृत पाए गए कौवों में बर्ड फ्लू वायरस की पुष्टि हुई है। राज्य के स्वास्थ्य विभाग के डॉ. अमित मालाकार ने बताया कि अब तक 150 कौवों की मौत हुई है। जांच में कौवों में संक्रमण की पुष्टि के बाद पोल्ट्री फॉर्मों की भी जांच की जा रही है। उन्होंने बताया कि कौवों में एच5एन8 वायरस की पुष्टि हुई। हालांकि, इसकी इंसानों में मौजूदगी का अभी तक पता नहीं चला है।