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कृषि कानून के खिलाफ किसानों का आंदोलन पिछले पांच महीने से जारी है। किसान अभी तक दिल्ली के साथ सटी सीमाओं पर बैठे हुए हैं। वहीं एक बार फिर से कृषि कानून पर किसान सरकार से बातचीत को तैयार हैं। बीकेयू नेता राकेश टिकैत ने कहा कि अगर सरकार आमंत्रित करती है तो नए कृषि कानूनों का विरोध कर रहे किसान बातचीत के लिए तैयार हैं, बातचीत वहीं से शुरू होगी जहां 22 जनवरी को खत्म हुई थी और मांगों में कोई बदलाव नहीं है।

टिकैत ने कहा कि वार्ता बहाली के लिए सरकार को प्रदर्शनकारियों का प्रतिनिधित्व करने वाले संयुक्त किसान मोर्चा को वार्ता का निमंत्रण देना चाहिए। BKU मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक की ओर से जारी बयान में टिकैत ने कहा कि सरकार के साथ वार्ता वहीं से बहाल होगी जहां 22 जनवरी को खत्म हुई थी। मांग भी वहीं है कि तीनों काले कानूनों को रद्द किया जाए, न्यूनतम समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के लिए नया कानून बनाया जाए। टिकैत का बयान कोरोना वायरस के बढ़ते प्रकोप के बीच हरियाणा के गृहमंत्री अनिल विज द्वारा केंद्रीय कृषि मंत्री से वार्ता बहाली के लिए की गई अपील के बाद आया है।