प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गरीबों के कल्याण के प्रति केंद्र सरकार की प्रतिबद्धता जताते हुए आज कहा कि पहले के कर्ताधर्ताओं और उनकी सरकारों के कार्यकाल के दौरान गरीबों के नाम पर पाखंड किया गया है। पीएम मोदी ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से ‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना’ के तहत मध्यप्रदेश में ‘अन्न उत्सव’ की शुरूआत के अवसर पर दिल्ली से संबोधित किया। भोपाल में आयोजित मुख्य समारोह में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और विभिन्न जिलों में संबंधित प्रभारी मंत्री मौजूद थे। कार्यक्रम के तहत राज्य में 25 हजार से अधिक राशन दुकानों से गरीबों को खाद्यान्न वितरण का अभियान प्रारंभ किया गया, जिसके तहत 01 करोड़ 15 लाख परिवारों के लगभग 05 करोड़ हितग्राही लाभांवित हो रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि हम सभी लोग उन्हीं गरीब परिवारों के बीच से आते हैं, जिनका संपूर्ण कल्याण हमारी सरकार की प्राथमिकता है। यही परिवार कोरोना संकटकाल में भी प्राथमिकता रहे। उन्होंने किसी का नाम लिए बगैर कहा कि पहले की व्यवस्था में लोग दिन में सौ बार गरीबों का नाम लेते थे, लेकिन उनके लिए कभी कुछ किया नहीं। वे कहते थे कि गरीबों को सड़कों, रसोईगैस, बिजली और बैंक खातों की क्या आवश्यकता है।
पीएम मोदी ने कहा कि लेकिन भाजपानीत सरकार ने गरीबों को रसोईगैस, बिजली और अन्य आधारभूत सुविधाएं मुहैया करायीं। गरीबों के लिए बैंकखाते खुलवाए और उनके खातों में विभिन्न योजनाओं के तहत धनराशि भी भेजी गयी। कोरोना संकटकाल में भी जनधन खातों में सैकड़ों करोड़ रुपए भेजे गए। वर्तमान सरकार आगे भी इस गरीब वर्ग के लिए कार्य करने प्रतिबद्ध है।
पीएम मोदी ने कहा कि पहले की सरकारी व्यवस्था में विकृति थी। वे ही सवाल पूछते थे और जवाब भी देते थे। ऐसे लोगों ने गरीबों को दशकों तक विकास से दूर रखा। उन्हें मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा। गरीब अपनी छोटी छोटी जरुरतों से भी वंचित रहे। उन्होंने कहा कि हमारे यहां ऐसा काम करने को पाखंड कहा जाता है। ऐसे लोग गरीबों से सहानुभूति बताते हैं, लेकिन उन्हें सुविधाएं नहीं देते।
मोदी ने कहा कि मौजूदा सरकारों के प्रयासों से गरीब वर्ग का सशक्तिकरण हुआ है। देश में गरीबों के जनधन खाते खुलवाए गए। आसान ऋण सुविधाएं मुहैया करायी गयीं। अन्य सुविधाएं भी इस वर्ग को मिल रही हैं, जिससे गरीबों को सम्मान और विश्वास मिला है। उन्होंने कहा कि मौजूदा सरकार गांव और गरीबों को सशक्त बनाने के लिए एक अभियान के रूप में कार्य कर रही है। इसके लिए हस्तशिल्प और हाथकरघा को प्राथमिकता दी जा रही है। आजादी की लड़ाई में अपना विशेष योगदान को रखने वाले चरखे और खादी को अब नए रूप में लोग अपनाने लगे हैं। इस दौरान पीएम मोदी ने योजना के लगभग आधा दर्जन हितग्राहियों से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए चर्चा की और जानना चाहा कि उन्हें कोई तकलीफ तो नहीं है। मोदी ने हितग्राहियों से कहा कि कोरोना संकटकाल में गरीबों से इस तरह बातचीत कर उन्हें ऊर्जा मिल रही है।