बिहार में नीतीश कुमार की अगुवाई वाले एनडीए और तेजस्वी यादव के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच सड़क से लेकर सदन तक में लगातार टकराव देखने को मिल रहा है. रोजगार और महंगाई के मुद्दे पर मंगलवार को आरजेडी कार्यकर्ताओं ने विधानसभा घेराव के नाम पर उग्र प्रदर्शन किया तो सदन में हंगामे पर पुलिस ने विपक्ष के विधायकों की जमकर पिटाई की. वहीं, विधानसभा उपाध्यक्ष पद को लेकर एनडीए और विपक्षी दलों का महागठबंधन एकबार फिर आमने-सामने आ गए हैं
विधानसभा उपाध्यक्ष पद के लिए सत्तापक्ष और विपक्ष दोनों ने ही अपने-अपने उम्मीदवार उतार दिए हैं. एनडीए की ओर से उपाध्यक्ष पद के लिए जेडीयू के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री महेश्वर हजारी ने मंगलवार को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की मौजूदगी में अपना नामांकन दाखिल किया. वहीं, विपक्षी दल के महागठबंधन की ओर से आरजेडी विधायक भूदेव चौधरी किस्मत आजमा रहे हैं.
बिहार विधानसभा में विधायकों की संख्या बल को देखा जाए तो एनडीए के उम्मीदवार की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन विपक्ष किसी भी हाल में सत्ता पक्ष को ‘वॉकओवर’ देने के मूड में नहीं है. इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भी दोनों गठबंधन आमने-सामने आ गए थे. स्पीकर के चुनाव में बीजेपी के विजय कुमार सिन्हा विजयी हुए थे.
उपाध्यक्ष पद के निर्वाचन के लिए सोमवार की शाम विधानसभा सचिव राजकुमार सिंह ने अधिसूचना जारी की है. अध्यक्ष बीजेपी के कोटे का है इसलिए पहले से ही तय माना जा रहा था कि उपाध्यक्ष जेडीयू कोटे का होगा. इसी कड़ी में नीतीश कुमार ने अपनी पार्टी के दलित चेहरे महेश्वर हजारी पर दांव लगाया है. इस बार महेश्वर हजारी को कैबिनेट में जगह नहीं मिली है जबकि वो लोकसभा सदस्य और पिछली सरकार में मंत्री रह चुके हैं.