किसान आंदोलन को लेकर शुक्रवार को किसान संगठनों और सरकार के बीच चर्चा हुई। हालांकि इसमें भी कोई ठोस नतीजा नहीं निकला। सरकार और किसान संगठन अपने अपने रुख पर अड़े हुए हैं। किसान संगठन कानून निरस्त करने की मांग पर अड़े हैं। बैठक के बाद अखिल भारतीय किसान सभा के महासचिव हन्नान मोल्ला ने कहा, चर्चा गर्म थी। हमने कहा कि हम कानूनों को निरस्त करने के अलावा कुछ नहीं चाहते हैं। हम किसी भी अदालत में नहीं जाएंगे, यह (निरसन) या तो किया जाएगा या हम लड़ना जारी रखेंगे। 26 जनवरी को हमारी परेड योजना के अनुसार होगी। नौंवे दौर की वार्ता में भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है, अब 15 जनवरी को फिर से बैठक का आयोजन किया जाएगा।
बैठक के बाद केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा, कानूनों पर चर्चा हुई लेकिन कोई निर्णय नहीं हो सका। सरकार ने आग्रह किया कि यदि किसान कानूनों को निरस्त करने के अलावा कोई विकल्प दिया जाए, तो हम इस पर विचार करेंगे। लेकिन कोई विकल्प प्रस्तुत नहीं किया जा सका, इसलिए बैठक संपन्न हुई और 15 जनवरी को अगली बैठक आयोजित करने का निर्णय लिया गया है।