दिल्ली के सीएम के तौर पर 16 फरवरी, 2020 को अरविंद केजरीवाल ने तीसरी बार शपथ ली थी। इसके तुरंत बाद ही सरकार को कोरोना जैसी वैश्विकमहामारी का सामना करना पड़ा। सरकार ने जनता के सहयोग से कोरोना के विरुद्ध मजबूती से लड़ाई लड़ी। इस दौरान सरकार ने कई ऐसे कदम उठाए जिनका बाद में देश के दूसरे राज्यों ने और दुनिया में अनुसरण किया गया।
सरकार के इस कार्यकाल के पिछले एक साल के अनुभव को साझा करते हुए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि पूरा विश्व, पूरा देश और हम सब दिल्लीवासी पिछले एक वर्ष से कोरोना महामारी से जूझ रहे हैं, संघर्ष कर रहे हैं। मैं उम्मीद करता हूं कि इस वर्ष हम सब लोगों को कोरोना की महामारी से अब छुटकारा मिलेगा।
अब सरकार को उम्मीद है कि दिल्ली को कोरोना से पूरी तरह से मुक्ति मिलेगी ओर विकास से जुड़ी परियोजनाओं को आगे बढ़ाने में मदद मिलेगी। चर्चा है कि वित्त वर्ष 2021-22 के बजट में चुनावी वादे वाली 10 गारंटी योजना पर जोर देने जा रही है। सीएम ने कहा है कि सबसे पहले हमारे डॉक्टरों ने पहल करके दुनिया को प्लाजमा थेरेपी दी। होम आइसोलेशन को तरजीह दी और फिर सभी ने इसे लागू किया। लॉकडाउन बहुत कठिन दौर था। उस दौरान एक करोड़ लोगों को हर महीने सूखा राशन दिया गया। 10 लाख लोगों को हर रोज लंच और डिनर की व्यवस्था की गई। एक लाख 56 हजार ऑटो और टैक्सी ड्राइवर के बैंक खाते में 5-5 हजार रुपए तथा 44 हजार निर्माण मजदूरों के खाते में 10-10 हजार रुपए जमा कराए गए।
कोरोना के दौरान कर्मचारियों ने जान की बाजी लगाकर लोगों की सेवा की, कुछ की जान तक चली गई। जिम्मेदार सरकार होने के नाते कोरोना योद्धाओं के परिजनों की मदद के उद्देश्य से सरकार ने जान गंवाने वाले कोरोना योद्धाओं के परिवार को एक-एक करोड़ रुपए की आर्थिक मदद दी।
केजरीवाल ने कहा कि मुझे खुशी है कि मार्च के महीने तक डोर स्टेप डिलिवरी आफ राशन चालू कर दी जाएगी। जिसमें अब लोगों को राशन की दुकान पर आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। अब लोगों को 25 किलो गेहूं और 10 किलो चावल मिलना है, तो 25 किलो की एक शानदार पैकिंग में साफ-सुथरा गेहूं या आटा और 10 किलो चावल की एक बोरी बनाकर उनके घर पहुंचा दिया जाएगा।