यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसे वक़्त में जब दिल्ली सरकार प्रदेश के लिए केंद्र से आवंटित ऑक्सीजन कोटे के अंतर को पूरा करने के लिए केंद्र के साथ मिलकर कार्य कर रही है, तो केंद्र सरकार दिल्ली में PSA ऑक्सीजन संयंत्रों की स्थापना में अपनी घोर नाकामियों को छिपाने के लिए पूरी तरह से गलत बयानी कर रही है. केजरीवाल सरकार ने बयान जारी कर कहा कि यह सर्वविदित है कि केंद्र सरकार ने पूरे भारत में 162 पीएसए संयंत्र स्थापित करने का फैसला लिया था और अक्टूबर 2020 में इसके लिए निविदाएं जारी की गईं. इन संयंत्रों को केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा पीएम केयर फंड के जरिए स्थापित किया जाना था और राज्य सरकारों को एक रुपए भी नहीं दिया गया था.
इन सभी संयंत्रों को दिसम्बर 2020 तक स्थापित कर राज्य सरकारों को सौंपा जाना था. हालांकि केंद्र सरकार ने इनमें से 140 प्लांट्स का ठेका एक ही वेंडर को दे दिया, जो भाग गया. नतीजतन पूरे भारत में इन 162 संयंत्रों में से 10 को भी अभी तक शुरू नहीं किया गया है. राजधानी में 8 में से 7 संयंत्रों को दिल्ली सरकार के अस्पतालों में और एक को केंद्र सरकार के अस्पताल सफदरजंग में लगाया जाना था. केंद्र सरकार के साथ कई बार फॉलोअप के बाद मार्च 2019 के शुरू में 5 अस्पतालों के लिए प्लांट्स को वितरित किया गया. आमतौर पर इन प्लांट्स को स्थापित करने में 3-4 दिन का समय लगता है. हालांकि, एक बार फिर वेंडर गैर जिम्मेदार पाया गया और केंद्र के साथ कई बार फॉलोअप के बाद 5 संयंत्रों में से सिर्फ एक को आज तक शुरू किया गया है.