राजधानी दिल्ली सहित पूरे देश में कोरोना वायरस का कहर जारी है. वहीं, किसान अभी भी दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. इसी बीच खबर है कि गाजीपुर बॉर्डर पर रविवार देर रात दिल्ली से गाजियाबाद की ओर जाने वाले रास्ते को खोलने का काम शुरू कर दिया गया है. दिल्ली-मेरठ हाईवे पर लगी बैरिकेडिंग को हटा लिया गया है, लेकिन अभी तक आधिकारिक तौर पर पुलिस इस मामले में कुछ भी नहीं बोल रही है. वहीं, किसानों ने बताया कि उनके कहने के बाद ही पुलिस ने इस रास्ते को खोला है. भारतीय किसान यूनियन के मीडिया प्रभारी धर्मेंद्र मलिक ने बताया कि दिल्ली पुलिस की ओर से दिल्ली से गाजियाबाद जाने वाले रास्ते की तीन लेन को खोला गया है.
किसानों के आह्वान के बाद ही पुलिस ने यह फैसला लिया है. दरअसल, आम लोगों को हो रही परेशानी के चलते कई दिनों से किसान प्रशासन से इस रास्ते को खोलने की मांग कर रहे थे. उन्होंने कहा कि दिल्ली-मेरठ एक्सप्रेसवे पर गाजियाबाद से दिल्ली की ओर जाने वाली सभी लेन अभी भी बंद हैं और यहां पर किसान धरने पर बैठे हुए हैं. हालांकि, इस मामले में पुलिस ने आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा है.
इस घटनाक्रम से पहले बीकेयू के महासचिव युद्धवीर सिंह ने एक बड़ा बयान दिया था. उन्होंने बीते सोमवार को कहा था कि किसानों की संस्था ‘BJP के खिलाफ नहीं’ है और उत्तर प्रदेश के लोग अपना वोट जिसे चाहें, उस पार्टी को दे सकते हैं. वास्तव में बीकेयू नेता प्रदेश में आगामी पंचायत चुनावों के सिलसिले में बात कर रहे थे और उनके इस बयान के बाद कई तरह की क़यासों का दौर चल पड़ा है. इस बयान को अजीब इसलिए माना जा रहा है, क्योंकि भारतीय किसान यूनियन ने पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनावों के दौरान कई सभाएं और प्रचार करते हुए लोगों के बीच जाकर पुरज़ोर अपील की कि वो भाजपा का बहिष्कार करें. साथ ही उत्तर प्रदेश में भी यूनियन ने नए कृषि कानूनों का विरोध करते हुए कई महापंचायतों का आयोजन किया.