दिल्ली की कई सीमाओं समेत हरियाणा के कई जिलों में चल रहे किसान आंदोलन का 40वां दिन है। बीते 40 दिनों से किसान कृषि कानूनों को रद्द कराने के लिए ठंड, बारिश, कोहरे और शीतलहर का प्रकोप झेल कर भी डटे हुए हैं। आज सरकार और अन्नदाताओं के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक होने वाली है, जिसकी सफलता और विफलता पर इस आंदोलन का भविष्य टिका हुआ है। देश के किसानों का ये आंदोलन दिनोंदिन बढ़ता ही जा रहा है। जहां रविवार को यूपी गेट(दिल्ली-यूपी बॉर्डर) के अलावा किसानों नेे ज्ञानी बॉर्डर पर भी कब्जा कर लिया। वहीं राजस्थान से दिल्ली की ओर आ रहे किसानों पर देर रात हरियाणा पुलिस ने आंसू गैस के गोले दागे और पानी की बौछारें भी कीं। यह घटना गुरुग्राम से मात्र 16 किलोमीटर दूर रेवाड़ी अलवर मार्ग पर हुआ। जानकारी के अनुसार आज सिंघु और टिकरी बॉर्डर पर बैठे किसान इन किसानों को दिल्ली लाने मौके पर जाएंगे। हरियाणा में बीती रात किसानों पर छोड़े गए आंसू गैस के गोलों की घटना के बाद आम आदमी पार्टी ने हरियाणा के सीएम मनोहर लाल खट्टर पर निशाना साधा है। आप विधायक राघव चड्ढा ने कहा है कि, ‘सीएम खट्टर जनरल डायर की तरह हैं जो किसानों पर फायर करवा रहे हैं, आंसू गैस के गोले उन पर प्रयोग करवा रहे हैं। क्या देश के किसान हमारे दुश्मन हैं? क्या वो चीन या पाकिस्तान के सैनिक हैं? यह बेहद शर्मनाक है। ठंड और बारिश में भी अपनी मांगों को लेकर दिल्ली की सीमा पर डटे अन्नदाताओं की दशा और सरकार के रवैये पर राहुल गांधी ने एक बार फिर ट्वीट कर सवाला उठाया है। उन्होंने लिखा, सर्दी की भीषण बारिश में टेंट की टपकती छत के नीचे जो बैठे हैं, सिकुड़-ठिठुर कर वो निडर किसान अपने ही हैं, गैर नहीं। सरकार की क्रूरता के दृश्यों में अब कुछ और देखने को शेष नहीं। समाज के कई वर्गों के बाद अब किसानों को बौद्ध भिक्षुओं का भी साथ मिल गया है। गाजीपुर बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन 38वें दिन भी जारी है। प्रदर्शन में बौध भिक्षुओं ने हिस्सा लिया। एक बौध भिक्षु ने बताया, ‘हम लखनऊ से आए हैं। किसान सड़क पर हैं इसलिए हम मठों को छोड़ किसानों के साथ आए हैं। जब तक कानून वापस नहीं होंगे हम नहीं जाएंगे।

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