कृषि सुधार कानूनों को वापस लेने के लिए दिल्ली की अलग-अलग सीमाओं पर डटे किसानों का आंदोलन आज 24वें दिन में प्रवेश कर चुका है। कड़ाके की ठंड और अपनों की जान भी किसानों का इरादा नहीं डिगा सकी है। किसानों का कहना है कि चाहे कितनी ही ठंड क्यों न पड़े हम यहां से तब तक वापस नहीं जाएंगे जब तक सरकार तीनों काले कानून वापस नहीं लेती। वहीं आंदोलन के चलते आज भी दिल्ली के कई बॉर्डर बंद हैं और कई रास्ते डायवर्ट किए गए हैं। किसान आंदोलन के चलते आज भी सिंघु, औचंदी, पियाऊ मनियारी और मंगेश बॉर्डर पूरी तरह से बंद रहेंगे। लामपुर, साफियाबाद सबोली और सिंघु स्कूल टोल टैक्स बॉर्डर के वैकल्पिक मार्ग का इस्तेमाल कर सकते हैं। मुकरबा और जीटी करनाल रोड से ट्रैफिक डायवर्ट है तो रिंग रोड, जीटी करनाल रोड और एनएच 44 की तरफ न जाने की सलाह दी गई है। हरियाणा के झरोडा, दौराला, कापसहेड़ा, बडूसराय, रजोकरी एनएच8, बिजवासन/बजघेड़ा, पालम विहार और डुंडहेड़ा बॉर्डर खुले रहेंगे। टिकरी और धांसा बॉर्डर पूरी तरह से बंद हैं। झटीकरा बॉर्डर सिर्फ दो पहिया वाहनों और पैदल वाहनों के लिए खुला है। चिल्ला बॉर्डर पर दिल्ली से नोएडा आने वाला लेन खुला है, हालांकि नोएडा से दिल्ली जाने वाला रास्ता पूरी तरह बंद है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने केंद्र सरकार से तीनों कृषि कानून वापस लेने की मांग की है। मायावती ने ट्वीट कर कहा है कि केंद्र सरकार को तीन नए कृषि कानूनों को लेकर आंदोलित किसानों के साथ हठधर्मी वाला नहीं बल्कि सहानुभूतिपूर्ण रवैया अपनाना चाहिए। उन्होंने कहा कि किसानों की मांगों को स्वीकार कर तीनों कानूनों को तत्काल वापस ले लेना चाहिए। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी सोलर पैनल से फोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज करते देखे गए हैं। एक किसान अमृत सिंह ने बताया, ‘सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फोन की बैटरी डाउन हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी, सरकार क्या सुविधा देगी वो हमारी मांग तो मान नहीं रही। कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली-यूपी बाॅर्डर पर डटे प्रदर्शनकारी सोलर पैनल से फोन और ट्रैक्टर की बैटरी चार्ज करते देखे गए हैं। एक किसान अमृत सिंह ने बताया, ‘सोलर प्लेट लेकर आए हैं कि अगर फोन की बैटरी डाउन हो जाएगी तो घर पर बात नहीं हो पाएगी, सरकार क्या सुविधा देगी वो हमारी मांग तो मान नहीं रही।