कड़ाके की सर्दी और शीतलहर के बीच किसानों का आंदोलन आज 27वें दिन में प्रवेश कर चुका है। दिल्ली की हाड़ कंपा देने वाली इस सर्दी से बचने के लिए आंदोलनरत किसान अलाव आदि का सहारा ले रहे हैं। वहीं किसानों की रिले भूख हड़ताल जो सोमवार से शुरू हुई है, मंगलवार को भी जारी है। आंदोलन के चलते आज भी दिल्ली की कई सीमाएं और रास्ते बंद हैं। एक ओर जहां सरकार गन्ना किसानों को सब्सिडी के माध्यम से राहत देने की बात कह रही है, वहीं आज उत्तराखंड में गन्ना किसानों के बकाया भुगतान के लिए विधानसभा के बाहर विधायकों ने प्रदर्शन किया। सत्र के दूसरे दिन गन्ना किसानों के बकाया भुगतान की मांग को लेकर विपक्ष के विधायकों ने गन्ना लेकर प्रदर्शन किया। कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन, ममता राकेश, फुरकान अहमद, आदेश चौहान, मनोज रावत, हरीश धामी ने गन्ना लेकर विधानसभा में जाने का प्रयास किया, लेकिन मुख्य गेट पर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। इस दौरान विधायकों और सुरक्षाकर्मियों के बीच नोकझोंक भी हुई। भाकियू नेता राकेश टिकैत ने बताया कि, हम किसी के लिए असुविधा खड़ी नहीं कर रहे। कल गाजीपुर बॉर्डर पर किसान कुछ मिनटों के लिए यात्रियों से बात कर रहे थे और कोई सड़क बंद नहीं की थी। किसानों ने लोगों से कहा कि उन्हें अपने घर में भी किसानों के मुद्दों को लेकर बात करनी चाहिए। किसानों के चलते गाजीपुर बॉर्डर पूरी तरह से बंद होने के बाद दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने इस रूट को निजामुद्दीन खट्ठा, अक्षरधाम और गाजीपुर चौकी की ओर डायवर्ट कर दिया है जो आनंद विहार, अप्सरा, भोपरा और डीएनडी की ओर जाएगा। आप विधायक राघव चड्ढा ने आज किसान आंदोलन को लेकर कहा कि, मोदी सरकार किसानों के साथ अहम के टकराव में दिखाई दे रही है। भारतीय किसानों की मांग जायज है। सरकार को अपना घमंड छोड़कर किसानों की सभी मांगें मान लेनी चाहिए। अभी तो कोई रास्ता निकलता नहीं दिख रहा। सरकार को तीनों काले कानूनों को तुरंत वापस लेना चाहिए।

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