एलएसी पर भारतीय सैनिकों ने पूरी मोर्चाबंदी कर रखी है और चीन के किसी भी ‘मिस-एडवेंचर’ का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए तैयार हैं। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भले ही एलएसी पर विवाद सुलझाने के लिए बातचीत चल रही है, लेकिन भारतीय सेना किसी भी परिस्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। एलएसी पर सैनिकों की संख्या बढ़ाई गई है, इसके लिए सर्दी से बचने की तैयार पूरी की जा चुकी है और एडवांस विंटर स्टोकिंग भी हो चुका है।
गलवान घाटी में देश की सीमाओं की सुरक्षा करते हुए 20 सैनिकों का बलिदान, 2020 में हमारी सेना की बहादुरी का सबसे बड़ा उदाहरण है। इस दौरान चीनी सेना को बड़ा नुकसान उठाना पड़ा और चीनी सैनिकों को भारतीय सीमा में घुसपैठ नहीं करने दिया गया। चीन ने एक-तरफा और उकसावे की कार्रवाई करते हुए पूर्वी लद्दाख से सटी लाइन ऑफ कंट्रोल यानी एलएसी पर एक से ज्यादा जगह पर स्टेट्स बदलने की कोशिश की, जिसका भारत ने कड़ा जवाब दिया। रक्षा मंत्रालय के मुताबिक, भारत ने बिना विवाद को बढ़ाए पूर्वी एलएसी पर अपने दावों की ‘सेंकटेटी’ बनाए रखी।