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उत्तर प्रदेश के कासगंज में शराब माफिया ने दुस्साहसिक वारदात को अंजाम दिया है. यहां सरकारी नोटिस लेकर आरोपी के घर पहुंचे सिपाही की हत्या कर दी गई जबकि दारोगा को भाला मार कर घायल कर दिया. इस मामले में एक आरोपी पुलिस के साथ हुई मुठभेड़ में मारा गया है. पुलिस बाकियों की तलाश कर रही है.

दरअसल कुर्की का नोटिस लेकर दारोगा अशोक कुमार सिंह और सिपाही देवेंद्र कुमार शराब माफिया मोतीराम को यहां गए थे. मोतीराम ने दोनों को बंधक बना लिया. इसके बाद सिपाही की पीटपीट कर हत्याकर दी जबकि दारोगा को बुरी तरह घायल कर दिया. उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. दोनों गांव से डेढ़ किलोमीटर दूर बंधी हालत में मिले थे.

देर रात जब खबर मिली तो कई थाने के पुलिस मौके पर पहुंच गई. खबर सीएम तक भी पहुंची और उन्होंने रासुका (राष्ट्रीय सुरक्षा कानून) के तहत कार्रवाई करने का निर्देश दिया. साथ ही मृतक सिपाही को 50 लाख की आर्थिक सहायता और परिजन को नौकरी देने की घोषणा की.

गौरतलब है कि हिस्ट्रीशीटर मोतीराम के खिलाफ 11 मुकदमें दर्ज हैं. उसी के यहां नोटिस लेकर दोनों पुलिसकर्मी गए थे. इस बीच गांव में माफिया ने दोनों पुलिसकर्मियों को घेर लिया. फिर वहां से डेढ़ किलोमीटर दूर खेत पर ले गए. वहां दोनों की जमकर पिटाई की गई और वर्दी आदि फाड़ दी गई. शराब माफिया को कानून को कोई डर नहीं था.

पुलिस को जैसे ही घटना की सूचना मिली वहां बड़े अधिकारी मौके की तरफ रवाना हो गए. अधिकारियों ने बताया कि जहरीली शराब के मामले में नोटिस लेकर पुलिसकर्मी वहां गए थे. तुरंत अधिकारियों के आदेश पर अलग-अलग टीमें बना दी गईं. अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मियों के हथियार भी लूट लिए गए हैं.

इस बीच पुलिस सरगर्मी से तलाश कर रही थी. मोती का भाई एलकार पुलिस को मिला और उसके साथ उनकी मुठभेड़ हो गई. दोनों पक्षों के बीच फायरिंग हुई और वह मौके पर ही मारा गया. पुलिस अब मोती की तलाश में लगी हुई है. पुलिस ने दोनों भाईयों के अलावा कुछ अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था.

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