तीनों केंद्रीय कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर चल रहे किसानों के प्रदर्शन को 2 महीने से भी अधिक समय हो गया है। जिसकी वजह से कुंडली बॉर्डर बंद है। इतने समय से बंद कुंडली बॉर्डर के आसपास के ग्रामीणों का संयम अब जवाब दे गया है। इस बाबत शुक्रवार दोपहर को गांव मनौली में 40 गांवों के 800 लोग महापंचायत में शामिल हुए। इसमें बॉर्डर पर आवागमन के लिए रास्ता खोलने के लिए 48 घंटे का अल्टीमेटम दिया गया है। ग्रामीणों ने पंचायत में पारित प्रस्ताव की प्रति किसानों के मंच पर पहुंचा दी है। बॉर्डर खाली नहीं करने पर रविवार दोपहर को 40 गांवों के हजारों लोग बार्डर पर बनाए गए टेंट व मंच को हटाएंगे। इससे टकराव की आशंका बढ़ गई है।
तीन नए कृषि कानूनों को हटाने की मांग को लेकर किसान दो महीने से ज्यादा समय से बॉर्डर पर जमे हैं। इससे 40 से ज्यादा गांवों के लोगों का आवागमन ठप है। लोग कई बार आवागमन के लिए रास्ता देने की मांग कर चुके हैं। उसके बावजूद रास्ता नहीं खोला गया है। इन गांवों दूध-सब्जी व अन्य उत्पादन बाजारों तक नहीं पहुंच पा रहा है।
ग्रामीणों की मांग है कि सड़क की एक साइड खोल दी जाए। कॉलोनियों के गेट के सामने से ट्रालियां हटा ली जाएं। जरूरी कार्य से आने जाने वालों को नहीं रोका जाए। आंदोलन के आसपास के लोगों से अभद्रता नहीं की जाए। श्रमिकों, आटो चालकों व फैक्ट्री मालिकों-कर्मचारियों को बेरोकटोक आने-जाने दिया जाए। ग्रामीणों को जबरन आंदोलन में शामिल होने को मजबूर नहीं किया जाए।
ग्रामीणों के अनुसार, किसान प्रदर्शनकारियों के आंदोलन के चलते श्रमिकों, आटो-टेंपो चालकों, बॉर्डर क्षेत्र में दुकानदारों और इस क्षेत्र में फैक्ट्री चलाने वालों के सामने रोजी-रोटी का संकट खड़ा हो गया है। गांव की ज्यादातर दुकानों पर जरूरत का सामान नहीं मिल पा रहा है।