BHARAT VRITANT

Maharashtra News राहुल गांधी ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव को एक विचारधारात्मक संघर्ष बताया है। उनका कहना था कि यह चुनाव दो अरबपतियों और गरीबों के बीच का है, जहां अरबपति मुंबई की जमीन पर कब्जा करना चाहते हैं। राहुल ने आरोप लगाया कि एक अरबपति को एक लाख करोड़ रुपये देने की योजना है, जबकि महाराष्ट्र के किसानों, गरीबों और युवाओं को मदद की जरूरत है।

‘एक हैं तो सेफ हैं’ पर राहुल गांधी का हमला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘एक हैं तो सेफ हैं’ के नारे पर हमला करते हुए, राहुल गांधी ने पीएम मोदी और महाराष्ट्र सरकार को जमकर घेरा। धारावी परियोजना के संदर्भ में राहुल ने कहा कि यह नारा सिर्फ अरबपतियों के लिए है, और इसका नुकसान धारावी की जनता को होगा। उन्होंने दावा किया कि यह परियोजना छोटे और मध्यम उद्योगों को खत्म करने की साजिश है, जिनका प्रतीक धारावी है।

कांग्रेस की योजना: महाराष्ट्र के गरीबों और युवाओं के लिए सहायता

राहुल ने यह भी कहा कि कांग्रेस की प्राथमिकता महाराष्ट्र के किसानों, गरीबों और बेरोजगार युवाओं की मदद करना है। उन्होंने कांग्रेस की योजनाओं का जिक्र करते हुए कहा कि महिलाओं के बैंक खातों में 3,000 रुपये डाले जाएंगे, किसानों के लिए फ्री बस यात्रा की सुविधा होगी, और 3 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। इसके अलावा, कांग्रेस ने सोयाबीन के लिए 7,000 रुपये प्रति क्विंटल की घोषणा की है और जाति जनगणना को महाराष्ट्र में लागू करने का वादा किया है।

राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस: मुख्य बिंदु

  • महाराष्ट्र का चुनाव विचारधाराओं के बीच संघर्ष है—अरबपति बनाम गरीब।
  • कांग्रेस जाति जनगणना को लागू करेगी।
  • आरक्षण की 50% सीमा को हटाया जाएगा।
  • धारावी के पुनर्विकास से वहां रहने वालों को नुकसान हो रहा है।
  • गुजरात में स्थानांतरित हो रही परियोजनाओं से महाराष्ट्र के युवाओं की नौकरियां प्रभावित हुई हैं।

धारावी पुनर्विकास परियोजना: क्या है मामला?

अदाणी समूह ने नवंबर 2022 में धारावी के पुनर्विकास के लिए बोली जीती थी। यह परियोजना लगभग दो दशकों से लंबित थी और इसकी लागत 20,000 करोड़ रुपये से अधिक होने का अनुमान है। धारावी की कुल 240 हेक्टयर भूमि में लगभग 8 से 10 लाख लोग रहते हैं और 13,000 से अधिक छोटे व्यवसाय संचालित हो रहे हैं।

धारावी के निवासियों की नाराजगी

धारावी के निवासियों में परियोजना के प्रति नाराजगी देखी जा रही है। उनका कहना है कि पुनर्विकास के नाम पर कुछ नहीं हुआ है और उन्हें यह डर सता रहा है कि पुनर्विकास के कारण उनके कारोबार पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। इसके अलावा, उन्हें यह भी नहीं पता कि पुनर्विकास के बाद उन्हें कहां शिफ्ट किया जाएगा।

धारावी का ऐतिहासिक महत्व

धारावी पहले मछुवारों की बस्ती थी, लेकिन समय के साथ यहां विभिन्न समुदायों के लोग आकर बसे। आज यह मुंबई का एक घना और विविधतापूर्ण इलाका है। धारावी की जनसंख्या ग्रीनलैंड और फिजी से भी अधिक है, और यहां विभिन्न लघु उद्योग जैसे रीसाइकलिंग, चमड़े के उत्पाद और मिट्टी के बर्तन बनते हैं।