बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सोमवार को कहा कि शराब पीने वालों के साथ ही साथ शराब के धंधेबाजों पर भी नकेल कसने की आवश्यकता है. उन्होंने स्पष्ट कहा कि शराब के धंधे में लिप्त कोई भी व्यक्ति बच नहीं पाए. मुख्यमंत्री सोमवार को मद्य निषेध, उत्पाद और निबंधन विभाग की समीक्षा बैठक में कहा कि शराब माफिया कार्रवाई के बाद जेल जाते हैं और जब वे जेल से बाहर आएं तो उनकी हर गतिविधि पर नजर रखने की जरूरत है.
नीतीश कुमार ने शराब से उत्पन्न बुराइयों को प्रचारित करने पर जोर दिया. उन्होंने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा, “नीचे से लेकर ऊपर तक के सभी पदाधिकारियों को तत्पर रहकर काम करने की जरूरत है. सभी समर्पण भाव से निरंतर अभियान चलाते रहे, जिससे कोई बच नहीं पाए.”
विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा 2018 में रिपोर्ट प्रकाशित हुई थी, जिसमें कहा गया था कि शराब पीने के कारण दुर्घटनाएं, आत्महत्याएं और कई अन्य प्रकार की बीमारियां होती हैं. लोगों को शराब के सेवन से होने वाली क्षति के बारे में सोशल मीडिया और अन्य प्रचार तंत्रों के माध्यम से सचेत और जागरूक करने पर बल दिया. उन्होंने अधिकारियों को सोशल मीडिया के माध्यम से शराब माफियाओं की गिरफ्तारी और उनपर की जा रही कार्रवाई के संबंध में लोगों को जानकारी देने के भी निर्देश दिए. मुख्यमंत्री ने कॉल सेंटर को ठीक ढंग से कार्यरत रखने के निर्देश दिए और कहा कि शिकायत मिलने पर सख्त और त्वरित कार्रवाई करें.
मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि इसमें किसी भी तरह की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होंने जिलास्तर पर चिन्हित बड़े-बड़े आरोपियों पर पुलिस अधीक्षक की विशेष नजर रखने के निर्देश देते हुए उनपर तेजी से कार्रवाई करने की बात भी कही. इससे पहले बैठक में पुलिस महानिदेशक एस के सिंघल ने जानकारी देते हुए कहा कि सभी जिलों से शराब की बरामदगी की जा रही है. शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इसको लेकर विशेष अभियान चलाया जा रहा है. उन्होंने कहा कि राज्य से बाहर के सभी बड़े शराब कारोबारियों जो यहां शराब की अवैध आपूर्ति करते हैं, उन्हें भी गिरफ्तार किया जा रहा है.