संसद भवन परिसर की कैंटीन में अब सांसदों को सब्सिडी वाला खाना नहीं मिलेगा। लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने मंगलवार को कहा कि संसद की कैंटीन में सांसदों को भोजन पर दी जाने वाली सब्सिडी पर रोक लगा दी गई है। जानकारी के मुताबिक कैंटीन की रेट लिस्ट में चिकन करी 50 रुपए में तो वहीं वेज थाली 35 रुपए में परोसी जाती है। वहीं थ्री कोर्स लंच की कीमत 106 रुपए निर्धारित है। बात करें साउथ इंडियन फूड की तो संसद में प्लेन डोसा मात्र 12 रुपए में मिलता है। एक आरटीआई के जवाब में 2017-18 में यह रेट लिस्ट सामने आई थी।
ओम बिरला ने कहा कि संसद का बजट सत्र 29 जनवरी से शुरू होगा। संसद सत्र के दौरान राज्यसभा की कार्यवाही सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक चलेगी। जबकि लोकसभा की कार्यवाही शाम 4 बजे से रात 8 बजे तक चलेगी। इस दौरान शून्यकाल और प्रश्नकाल का आयोजित किया जाएगा। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि सांसदों के आवास के निकट भी उनके आरटी-पीसीआर कोविड-19 परीक्षण किए जाने के प्रबंध किए गए हैं। संसद परिसर में 27-28 जनवरी को आरटी-पीसीआर जांच की जाएगी। सांसदों के परिवार, कर्मचारियों की आरटी-पीसीआर जांच के भी प्रबंध किए गए हैं। केंद्र, राज्यों द्वारा निर्धारित की गई टीकाकरण अभियान नीति सांसदों पर भी लागू होगी। संसद सत्र के दौरान पूर्व निर्धारित एक घंटे के प्रश्नकाल की अनुमति रहेगी। उत्तर रेलवे के बजाय अब आईटीडीसी संसद की कैंटीनों का संचालन करेगी।
संसद की कैंटीन व्यवस्था पहले ही रेलवे की जगह पांच सितारा होटल अशोक का संचालन करने वाली सरकारी कंपनी आइटीडीसी (भारतीय पर्यटन विकास निगम लिमिटेड) को सौंपा जा चुका है और इसके खान-पान की दर रेलवे की पुरानी कैंटीन से कहीं ज्यादा है। सब्सिडी खत्म होने से लोकसभा सचिवालय को सालाना करीब आठ करोड़ रुपये की बचत होगी।