केंद्र पर कोरोना पर संबंधी आंकड़े छिपाने का आरोप लगाते हुए मंगलवार को विपक्षी दलों के नेताओं ने राज्यसभा में दवा किया की इस मामले में सरकार पूरी तरह विफल रही है। वही सत्ता पक्ष के नेताओ ने कहा की देश की अर्थव्यवस्था की पुख्ता नींव और कई पहलू की वजह से इस महामारी में देश मजबूती से खड़ा रहा है। विपक्ष ने पीएम मोदी पर हमला करते हुए कहा की वह खुद जिम्मेदारी नहीं लेते है बल्कि बलि का बकरा ढूंढते है।
देश में कोरोना के प्रबंधन, टीकाकरण और संभावित तीसरी लहर को देखते हुए निति और चुनौतियों के विषय पर उच्च सदन में चर्चा की शुरुआत करते हुए विपक्ष के नेता एवं कांग्रेस के वरिष्ठ सदस्य मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा की कोरोना के नतीजे इतने भयावह होंगे इसका अनुमान नहीं था। उन्होंने कहा – ” लेकिन देश इस महामारी की दूसरी लहर से गुजरा और कहा जा रहा है की हम तीसरी लहर के मुहाने पर खड़े है। इस महामारी से मिले घाव कभी नहीं भरेंगे। “
इस महामारी से निपटने में सरकार पर विफलता का आरोप लगाते हुए खड़गे ने कहा कि प्रधानमंत्री समस्याएं सुलझाने में विफल रहे और स्वास्थ्य मंत्री को उन्होंने बलि का बकरा बना दिया। उन्होंने कहा ”प्रवासी कामगार, नौकरी-रोजगार जाना, अस्पतालों में बेड-ऑक्सीजन न मिलना, लॉकडाउन और अर्थव्यवस्था का तबाह होना…। सरकार ने इस पर चिंता नहीं जताई। सरकार को विज्ञापन दिखाने में, लुभावनी बातें करने और उन्हें बार बार दोहराने में महारत हासिल है। ”
उन्होंने सरकार पर झूठे आंकड़े जारी करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा ”सरकार दावा करती है कि कोविड-19 महामारी से करीब चार लाख लोगों की जान गई। देश में 6,38,565 गांव हैं। अगर एक एक गांव में इस महामारी ने पांच पांच लोगों की भी जान ली है तो कोविड से मौत का आंकड़ा 31,91,825 होता है। ” खड़गे ने सवाल किया कि क्या हमेशा यह रहस्य बना रहेगा कि कोविड से कितने लोगों की जान गई?