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सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर कर इलाहाबाद हाईकोर्ट के उस फैसले को चुनौती दी गई है जिसमें वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में सीटों के लिए आरक्षण लागू करने का आदेश दिया गया था। वास्तव में इस फैसले को लेकर कुछ लोग खुश हैं और कुछ इसके विरोध में हैं। इस व्यवस्था से कई ग्राम पंचायत के समीकरण ही बदल गए हैं। दिलीप कुमार नामक युवक ने हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर विशेष अनुमति याचिका (एसएलपी) में कहा है कि हाईकोर्ट के फैसले पर विचार किया जाना चाहिए। याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया है कि हाईकोर्ट में उनका पक्ष नहीं सुना गया। बता दें कि पिछले दिनों हाईकोर्ट ने वर्ष 2015 को आधार वर्ष मानकर प्रदेश में पंचायत चुनाव में आरक्षण लागू करने का आदेश दिया था और 25 मई तक पंचायत चुनाव संपन्न कराने के लिए कहा था।