प्रधानमंत्री मोदी ने गुरूवार को वाराणसी का 27वां दौरा किया। इस दौरान उन्होंने काशीवासियों को 1457 करोड़ की परियोजनाएं सौंपी जिनमे 744 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का लोकापर्ण और 730.91 करोड़ रुपए की परियोजनाओं का शिलान्यास किया। इस दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी मौजूद रही। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वायुसेना के विशेष विमान से साढ़े 10 बजे वाराणसी पहुंच गए। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मंत्री आशुतोष टंडन, राधामोहन सिंह सांसद, मेयर मृदुला जायसवाल और नवनिर्वाचित जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या ने एयरपोर्ट पहुंचकर आगवानी की। इस दौरान पूरा एयरपोर्ट परिसर छावनी में तब्दील रहा। एयरपोर्ट के चारों तरफ पुलिस प्रशासन सहित अन्य सुरक्षा एजेंसियां तैनात रहीं। प्रधानमंत्री हवाई जहाज से उतरकर सभी का अभिवादन स्वीकार कर रहे थे। इसी दौरान जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम मौर्या उनके पैर छूने को झुकी थीं। लेकिन प्रधानमंत्री पीछे हट गए। उन्होंने ऐसा करने से मना कर दिया।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पीएम मोदी का वाराणसी आने पर आभार जताया। इस दौरान उन्होंने बीएचयू में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि नई काशी अब नए आयामों को छू रही है। सीएम ने कहा कि पिछले 16 महीनों से पूरा देश और दुनिया कोरोना वायरस महामारी से त्रस्त है। पीएम मोदी के नेतृत्व में जिस तरह कोरोना को निंयत्रित किया गया है। जिसकी हर तरफ तारीफ हो रही है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जनसभा को संबोधित करते हुए बनारसियों का दिल जीत लिया। पीएम मोदी ने अपने भाषण की शुरुआत भोजपुरी में की। उन्होंने भारत माता की जय और हर हर महादेव बोलते हुए अपनी बात शुरू की। कहा कि लंबे समय बाद आप सब लोगन से सीधी मुलाकात का अवसर मिलल हो। काशी के सभी लोगन के प्रणाम। हम समस्त लोग के दुख हरे वाले भोलेनाथ, माता अन्नपूर्णा के चरण में भी शीश झुकावत ही।
पीएम मोदी ने कहा कि बीमारियों से जूझने के दौरान सौ साल में पूरी दुनिया में आई सबसे बड़ी आफत है। इसलिए कोरोना से निपटने में यूपी के प्रयास उल्लेखनीय है। काशी के साथियों और शासन प्रशासन संग कोरोना योद्धाओं की टीम का आभारी हूं। कभी आधी रात को फोन किया तो लोग मोर्चे पर तैनात मिले। आपने प्रयासों में कोई कमी नहीं छोड़ी। इसी का नतीजा है कि यूपी में हालत संभले हैं। यूपी में सबसे अधिक टेस्टिंग हो रही है। यूपी पूरे देश में सबसे अधिक वैक्सीनेशन का राज्य है। सबको मुफ्त वैक्सीन मिल रही है।
जनसभा को संबोधित करने के बाद पीएम मोदी बीएचयू के एमसीएच विंग पहुंचे। जहां उन्होंने उद्घाटन और निरीक्षण किया। इसके बाद उन्होंने 20 लोगों से संवाद किया। इनमें जिलाधिकारी, कमिश्नर, मुख्य विकास अधिकारी शामिल भी थे। संवाद के बाद वह बीएचयू हेलीपैड के लिए रवाना हो गए। उसके बाद संपूर्णानंद विश्वविद्यालय हैलीपैड पहुंचे। वहां से सड़क मार्ग द्वारा रुद्राक्ष कंवेशंन सेंटर पहुंच गए। रुद्राक्ष कंवेंशन सेंटर में प्रधानमंत्री एक घंटे तक रहे। उनके साथ जापान के राजदूत सतोषी सुजुकी, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ मौजूद थे। कंवेंशन सेंटर पहुंचते ही सबसे पहले प्रधानमंत्री परिसर में एक रुद्राक्ष का पौधा लगाया। पौधरोपण के बाद उन्होंने रिबन काटकर सेंटर का उद्घाटन किया। इसके बाद प्रधानमंत्री शिलापट्ट का अनावरण कर रुद्राक्ष को देश को समर्पित कर दिया। इस दौरान मुख्यमंत्री के द्वारा प्रधानमंत्री को कंवेंशन सेंटर का स्मृति चिह्न भेंट किया। इसके बाद जापान के प्रधानमंत्री योशिहिदे सुगा का भी वीडियो संदेश सुनाया गया।
रुद्राभ कंवेंशन सेंटर में पीएम मोदी ने संबोधन में कहा कि कोरोना काल में जब दुनिया ठहर गई थी, तब काशी अनुशासित हुई थी लेकिन विकास की धारा यहां पर अविरल बहती रहती थी। काशी के विकास के आयाम इंटरनेशनल सेंटर रुद्राक्ष आज इसी रचनात्मकता और गतिशीलता का परिणाम है। काशी के हर जन को बधाई देता हूं। भारत के परम मित्र जापान और पीएम के साथ जापान के राजदूत को भी धन्यवाद देता हूं। प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के पीएम का संदेश देखा। उनकी वजह से यह उपहार मिला है। जापान के प्रधानमंत्री उस समय चीफ सेक्रेटरी थे और तबसे इसमें व्यक्तिगत तौर पर शामिल रहे। पीएम मोदी ने कहा, इस आयोजन में एक और व्यक्ति जिनको भूल नहीं सकता, वो हैं शिंजो आबे जी। मुझे याद है जब वह प्रधानमंत्री के तौर पर काशी आए थे तो रुद्राक्ष के आइडिया पर लंबी चर्चा की थी। उन्होंने तुरंत अधिकारियों को निर्देश दिया और जापान के कल्चर पर परफेक्शन और प्लानिंग के साथ काम किया और आज भव्य इमारत काशी की शोभा बढ़ा रही है। पीएम सेंटर में संबोधन के बाद निकल गए। करीब साढ़े तीन बजे वह वाराणसी एयरपोर्ट पहुंचे। उसके बाद विशेष विमान से दिल्ली के लिए रवाना हो गए।