उत्तर प्रदेश स्थित अयोध्या में राम जन्मभूमि में राम मंदिर निर्माण के लिए निधि समर्पण अभियान की शुक्रवार को शुरुआत हुई. इस अभियान में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने पांच लाख रुपये का दान दिया. श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के कोषाध्यक्ष स्वामी गोविंद देव गिरी महाराज और विश्व हिंदू परिषद के कार्याध्यक्ष आलोक कुमार ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से मुलाकात की. इस दौरान राम मंदिर के लिए राष्ट्रपति से 5 लाख रुपये का अनुदान मिला. वहीं मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने एक लाख रुपये का चंदा दिया. बीते दिनों राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कहा गया था कि राम मंदिर निधि समर्पण अभियान जनता की स्वेच्छा से मंदिर के निर्माण के लिए समर्पित भाव से दान लिया जाएगा. विश्व हिंदू परिषद की मंशा इस योजना को भारत में 50 करोड़ लोगों तक पहुंचाने की है. इस अभियान में जुटाई गई राशि को चंदा नहीं कहा जाएगा. इस अभियान में जमा किया गया पैसा भगवान का पैसा कहा जाएगा और इसे मांगा नहीं जाएगा.
स्वेच्छा से दान करने वालों के लिए कूपन छापे जाएंगे. ये कूपन 10 रुपये, सौ रुपये और एक हजार रुपये के होंगे. 100 रुपयों के कूपन आठ करोड़ की संख्या में, 10 रुपये के कूपन 4 करोड़ की संख्या में और हजार रुपये के कूपन 12 लाख की संख्या में छापे जाएंगे. दान की राशि के अनुसार ही रसीद दी जाएगी. सभी कूपन बंटने से 960 करोड़ रुपये जमा हो सकेंगे.
बताया गया था कि यह राशि जमा करते समय पूरी पारदर्शिता का ध्यान रखा जाएगा. ये पैसा तीन बड़े बैंकों भारतीय स्टेट बैंक, पंजाब नेशनल बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा में जमा किया जाएगा. इनमें बैंकों में यह सिर्फ कलेक्शन अकाउंट का काम करेंगे. स्टेट बैंक की 22 हजार शाखाएं, पंजाब नेशनल बैंक की 14 हजार और बैंक ऑफ बड़ौदा की 10 हजार शाखाओं में पैसा जमा होगा. इस तरह से 46 हजार बैंक शाखाओं के जरिए पूरे देश से लिया गया पैसा जमा होगा. तीन लोगों की एक टीम को पैसा लेने के बाद नजदीकी शाखा में 48 घंटे के भीतर पैसा जमा करना होगा.