BHARAT VRITANT

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपना बयान दिया। इस दौरान उन्होंने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। प्रधाननंत्री ने कहा कि हमने बुद्धिजीवी सुने थे लेकिन अब आंदोलनजीवियों की एक नई जमात आ गई है जो हर आंदोलन में दिखाई देते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों की पहचान करके हमें इनसे बचना होगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ऐसे लोगों से सतर्क रहने की जरूरत है जो भारत को अस्थिर करना चाहते हैं। सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का उद्धरण पढ़ते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा, ‘हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो।’ प्रधानमंत्री ने किसानों से आंदोलन खत्म करने की अपील की। उन्होंने कहा कि एमएसपी था, है और हमेशा रहेगा। पीएम ने विपक्ष पर अपने खास अंदाज में पलटवार किया। तृणमूल के सांसद डेरक ओ ब्रायन और कांग्रेस सांसद बाजवा को भाषण और नाम का जिक्र कर उन्होंने कुछ ऐसा कहा कि खुद बाजवा मुस्कुरा पड़े। वहीं गुलाम नबी आजाद को लेकर कांग्रेस को घेरा। ये देश हर सिख पर गर्व करता है। उन्होंने देश के लिए क्या कुछ नहीं किया। उनका जितना हम आदर करें, वो कम होगा। जो लोग उनको गुमराह करने की कोशिश करते हैं, उससे देश का कभी भला नहीं होगा
एलएसी की स्थिति पर भारत का रुख स्पष्ट है और पूरे देश ने इसे देखा है। हमने सीमा सुरक्षा के उच्च मानकों को बनाए रखा है और हम इस मुद्दे पर दृढ़-संकल्प हैं।


कोरोना के कारण आप लोग फंसे रहते होंगे, लेकिन आपने सारा गुस्सा मेरे ऊपर निकाल दिया तो आपका मन भी हल्का हुआ। मैं आपके काम आया, ये मैं अपना सौभाग्य मानूंगा। ये आनंद आप लगातार लेते रहिए और मोदी है तो मौका लीजिए।
हमें एफडीआई के नए संस्करण से भारत को बचाना चाहिए जो- विदेशी विनाशकारी विचारधारा है।
जबकि हमें प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का पहला रूप बरकरार रखना चाहिए, प्रत्यक्ष विदेशी निवेश, हमें एफडीआई के नए संस्करण से अपनी रक्षा करनी चाहिए। पिछले कुछ सालों में एक नई जमात सामने आई है, आंदोलन जीवियों की। ये वकीलों का आंदोलन हो, छात्रों का आंदोलन हो, सब जगह पहुंच जाते हैं। ये आंदोलनजीवी परजीवी होते हैं। देश को इन आंदोलनजीवियों से बचाने की जरूरत है।
मैं महामारी के दौरान जबरदस्त धैर्य दिखाने के लिए महिलाओं को पर्याप्त रूप से धन्यवाद नहीं दे सकता। परेशानी के समय में उन्होंने अपने परिवार को किस तरह से संभाला।
आत्मानिर्भर भारत तभी संभव है जब हर कोई इसमें भाग ले। कोविड के दौरान सरकार ने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया कि देश भर की महिलाओं को किसी बड़ी चुनौती का सामना न करना पड़े। भारत के उज्ज्वल भविष्य में ईस्टर्न इंडिया बहुत बड़ी भूमिका निभाएगा।

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति को जिस प्रकार देशभर में स्वीकृति मिली है, वह अपने आपमें सराहनीय है।
भारत की युवा शक्ति पर हम जितना जोर लगाएंगे, हम जितने अवसर उनको देंगे, मै समझता हूं कि वो हमारे देश के उज्ज्वल भविष्य के लिए मजबूत नींव बनेंगे।


गांव और शहर की खाई को अगर हमें पाटना है तो उसके लिए आत्मनिर्भर भारत की ओर बढ़ना होगा। इस सदन की पवित्रता समझे हम। जिन 80 करोड़ लोगों को सस्ते में राशन दिया जाता है वो भी लगातार रहेगा। हमें एक बार देखना चाहिए कि कृषि परिवर्तन से बदलाव होता है कि नहीं। कोई कमी हो तो उसे ठीक करेंगे, कोई ढिलाई हो तो उसे कसेंगे। मैं विश्वास दिलाता हूं कि मंडियां और अधिक आधुनिक बनेंगी। मैं आप सभी को निमंत्रण देता हूं कि हम देश को आगे बढ़ाने के लिए, कृषि क्षेत्र के विकास के लिए, आंदोलनकारियों को समझाते हुए, हमें देश को आगे ले जाना होगा। आइए मिलकर चलें।


हर कानून में अच्छे सुझावों के बाद कुछ समय के बाद बदलाव होते हैं। इसलिए अच्छा करने के लिए अच्छे सुझावों के साथ, अच्छे सुधारों की तैयारी के साथ हमें आगे बढ़ना होगा।
हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जम्मू-कश्मीर और पूर्वोत्तर में क्या हुआ। इन सभी ने एक या दूसरे तरीके से राष्ट्र को चोट पहुंचाई है। इस प्रकार, हमने इन सभी समस्याओं को हल करने के लिए तेजी से काम किया है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि पंजाब के साथ क्या हुआ। इसे विभाजन के दौरान सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा। यह 1984 के दंगों के दौरान सबसे ज्यादा रोया था। वे सबसे दर्दनाक घटनाओं के शिकार हुए। जम्मू-कश्मीर में मासूमों की हत्या कर दी गई। हथियारों का कारोबार उत्तर पूर्व में किया जाता था। इस सबने राष्ट्र को प्रभावित किया।
शरद पवार जी, और कांग्रेस के लोग, सभी … सभी सरकारें कृषि सुधारों के लिए खड़ी हुई हैं। वे ऐसा करने में सक्षम थे या नहीं, लेकिन सभी ने वकालत की है कि यह किया जाना चाहिए।
भारत को सिखों के योगदान पर बहुत गर्व है। यह एक ऐसा समुदाय है जिसने राष्ट्र के लिए बहुत कुछ किया है। गुरु साहिबों के वचन और आशीर्वाद अनमोल हैं।
एमएसपी था। एमएसपी है। भविष्य में भी एमएसपी बना रहेगा। गरीबों के लिए किफायती राशन जारी रहेगा। मंडियों का आधुनिकीकरण किया जाएगा। ‘किसान उड़ान’ के द्वारा हवाई जहाज से जैसे हमारे नार्थ ईस्ट की कितनी बढ़िया-बढ़िया चीजें जो ट्रांसपोर्ट सिस्टम के अभाव में वहां का किसान लाभ नहीं उठा पाता था, आज उसे किसान उड़ान योजना का लाभ मिल रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सदन में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का कथन पढ़ा, ‘हमारी सोच है कि बड़ी मार्केट को लाने में जो अड़चने हैं, हमारी कोशिश है कि किसान को उपज बेचने की इजाजत हो।’ प्रधानमंत्री ने कहा कि जो मनमोहन सिंह ने कहा वो मोदी को करना पड़ रहा है, आप गर्व कीजिए।
कांग्रेस और सभी दलों ने कृषि सुधारों की बात कही है। पिछले 2 दशक से ये सारी बातें चल रही हैं। ये समाज परिवर्तनशील है। आज के समय हमें जो सही लगा उसे लेकर चलें, आगे नई चीजों को जोड़ेगें। रुकावटें डालने से प्रगति कहां होती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *