भारतीय जनता पार्टी ज़िला फ़रीदाबाद के कार्यकर्ताओं और नेताओं द्वारा पिछले एक सप्ताह से चलाया जा रहा जन सम्पर्क अभियान आज सम्पन्न हुआ. भारतीय जनता पार्टी के नेताओं, पदाधिकारियों और मंडल व बूथ स्तर के कार्यकर्ताओं ने मंडल अनुसार दस-दस टोली बनाकर जन सम्पर्क अभियान के माध्यम से तीनों कृषि सुधार क़ानूनों में किए गए प्रावधानों को लोगों के सामने रखा. भारतीय जनता पार्टी फ़रीदाबाद के ज़िला अध्यक्ष ने बताया कि पिछले एक सप्ताह से फ़रीदाबाद के सैंकड़ों कार्यकर्ता इस कृषि सुधार क़ानूनों के सन्दर्भ में जन सम्पर्क अभियान में सम्मिलित हुए. गाँव-गाँव, घर- घर जाकर व छोटी जनसभाओं के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने जन सम्पर्क अभियान चलाया और लोगों को कृषि सुधार क़ानूनों की विस्तृत जानकारी दी. इस अभियान के अंतर्गत कार्यकर्ताओं ने किसान भाइयों से भी मिलकर उनको जागरूक करते हुए उनको बताया कि अन्नदाता किसानों की दशा सुधारने और उनकी आय को दुगुना करने के लिए कृषि सुधार क़ानून बनाये गए हैं. इन तीनों कृषि सुधार क़ानूनों से किसानों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाया जाएगा. न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी रहेगा. मंडियाँ जारी रहेंगी. किसान भाई अपनी फसल को अपनी इच्छानुसार कहीं भी किसी भी राज्य में बेच सकता है ताकि उनको ज़्यादा मुनाफ़ा मिले. कॉंट्रैक्ट फ़ार्मिंग के ज़रिए किसान बिजाई से पहले किसी भी कम्पनी से क़ीमत तय करके समझौता कर सकता है और अच्छे रेट पर माल बेच सकता है. फसल ख़राब होने की स्थिति में व्यापारी द्वारा उसकी भरपाई की जाएगी. अगर बाज़ार में रेट बढ़ जाता है तो किसान तय समझौता तोड़कर अच्छे रेट पर अपनी फसल बेच सकता है. कृषि क़ानून में सिर्फ़ उपज के भाव का कॉंट्रैक्ट किया जा सकता है. भूमि के कॉंट्रैक्ट का कोई प्रावधान नहीं है. सभी किसान भाइयों की भूमि सुरक्षित रहेगी. अपने इस अभियान के दौरान कार्यकर्ताओं ने बताया कि विपक्षी पार्टियाँ अपनी राजनीतिक ज़मीन तैयार करने और अपना उल्लू सीधा करने के लिए किसान भाइयों को भड़काकर किसान आंदोलन को हवा दे रही हैं. विपक्ष कभी नहीं चाहता कि देश का अन्नदाता किसान सशक्त हो. इस जन सम्पर्क अभियान के माध्यम से कार्यकर्ताओं ने लोगों और किसान भाइयों को जागरूक करते हुए कार्यकर्ताओं ने उनको बताया कि दशकों से जिस कृषि सुधार क़ानून बनाने की माँग की जा रही थी उसको सबसे पहले मोदी सरकार क़ानून बनाकर लेकर आई.
पिछले 70 सालों में अन्नदाता किसान कभी भी ख़ुशहाल नहीं हुआ आज इन कृषि सुधार क़ानूनों के माध्यम से सशक्त करने का कार्य देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी कर रहे हैं. भारत सरकार किसानों के प्रति बहुत ही संवेदनशील है. किसानों के साथ कई दौर की बातचीत में भारत सरकार ने किसानों द्वारा सुझाए गए सभी सुझावों को क़ानून में संशोधन करने के लिए तैयार है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी देश और देशवासियों को सशक्त करने के लिए दिन रात कार्यरत हैं. देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी का मानना है कि देश का अन्नदाता अगर सशक्त होगा तो देश अपने अपने आप सशक्त होगा. ज़िला अध्यक्ष ने बताया की इस अभियान में हज़ारों लोगों से सम्पर्क कर किसान क़ानूनों पर चर्चा की और देश के कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर की चिट्ठी को घर घर पहुँचाया.