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हरियाणा के विधायक बलराज कुंडू के घर और ससुराल समेत 40 ठिकानों पर गुरुवार सुबह इनकम टैक्स डिपार्टमेंट की टीम ने छापेमारी की है। बलराज 26 जनवरी को ट्रैक्टर परेड शामिल हुए थे। किसान आंदोलन के पहले दिन से ही वे किसानों का समर्थन करते रहे हैं। वे किसान आंदोलन में शहीद किसानों के परिजन को 2-2 लाख रुपए की आर्थिक मदद का एलान कर भी चुके हैं। साथ ही उन्होंने टिकरी बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों के लिए ‘किसान रसोई’ भी चलाई थी। बलराज कुंडू रोहतक जिले के महम से निर्दलीय विधायक हैं। इन ठिकानों में रोहतक के सेक्टर-14 में बलराज का घर और हांसी में उनकी सास का घर भी शामिल है। इनके समेत प्रदेशभर में लगभग 40 जगह एक साथ छानबीन चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि जल्द ही सारी स्थिति साफ हो जाएगी।

जानकारी के अनुसार, सुबह करीब साढ़े 6 बजे बलराज की सास के घर (हांसी में स्थित) पर इनकम टैक्स की टीम ने छापा मारा। इस दौरान घर पर विधायक की सास मैना देवी मौजूद थी। बताया जा रहा है कि एक दर्जन से ज्यादा गाड़ियों के काफिले के साथ अधिकारी पहुंचे। सर्च करने के लिए यहां पड़ोसी रिटायर कानूनगो सुरेश शर्मा और वार्ड के पार्षद आशीष उर्फ पिंकू को बुलाया गया। उनकी उपस्थिति में घर में छानबीन की गई। फिलहाल, इनकम टैक्स की टीम की कार्रवाई जारी है। इसके अलावा विधायक के रोहतक में सेक्टर-14 स्थित घर समेत उनके दिल्ली और गुड़गांव स्थित कार्यालय पर भी छापेमारी की गई है।

बलराज कुंडू हरियाणा के खट्‌टर सरकार से समर्थन वापसी का ऐलान कर सुर्खियों में आए थे। कुंडू ने कहा था कि वह भ्रष्ट सरकार को समर्थन करने वाले मुख्यमंत्री से अपना समर्थन वापस लेते हैं। कुंडू ने पूर्व की भाजपा सरकार में सहकारिता मंत्री रहे मनीष ग्रोवर पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाकर जांच की मांग की थी। इसी विवाद के चलते उन्होंने समर्थन वापस लेने का ऐलान किया था।

रोहतक के पूर्व विधायक मनीष ग्रोवर पर विधायक बलराज कुंडू ने आरोप लगाया था कि सहकारिता मंत्री रहते हुए मनीष ग्रोवर ने शुगर मिल से शीरे का घोटाला किया था। इसके अलावा रोहतक नगर निगम में भी भ्रष्टाचार किया। उन्होंने कहा था कि सरकार ने मनीष ग्रोवर पर कार्रवाई नहीं की तो वह समर्थन वापस ले लेंगे। इसके बाद उन्होंने गृह मंत्री अनिल विज को शिकायत दी थी, जिस पर विज ने एक SIT गठित की थी।

हरियाणा में विधानसभा चुनाव में भाजपा को 40 सीटें, जजपा को 10, निर्दलीय 7, इनेलो को 1, हलोपा को 1 और कांग्रेस को 31 सीटें मिली थी। भाजपा ने निर्दलीय 7 और जजपा के 10 विधायकों के साथ मिलकर 57 के आंकड़े के साथ सरकार बनाई थी। कुंडू के समर्थन वापसी के बाद सरकार के पास 56 विधायक रह गए। हरियाणा में बहुमत का आंकड़ा 46 का है। ऐसे में कुंडू के समर्थन वापस लेने से सरकार पर कोई फर्क नहीं पड़ा।

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