कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 29वें दिन भी जारी है। किसानों ने साफ कर दिया है कि कृषि कानूनों में संशोधन से काम नहीं चलेगा। किसान इन कानूनों को वापस लेने पर अड़े हुए हैं। सरकार की तरफ से एक बार फिर किसानों के साथ बातचीत की पहल की गई है। कृषि मंत्रालय ने संयुक्त किसान मोर्चा की चिट्ठी का जवाब देते हुए उन्हें एक बार फिर बातचीत का न्योता दिया है। एक दिन पहले ही किसानों ने बातचीत से इनकार कर दिया था।

संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से किसान नेता डॉ. दर्शनपाल ने केंद्र के कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय के संयुक्त सचिव विवेक अग्रवाल को खत लिखा था और अब उनका ही जवाब आया है। चिट्ठी में सरकार ने किसानों से बातचीत का समय और तारीख तय करने को कहा है। एक दिन पहले सिंघु बॉर्डर पर ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ के तमाम संगठनों के बीच चली लंबी बैठक के बाद किसान नेता युद्धवीर सिंह ने कहा था, सरकार इस मामले को लटकाना चाहती है और किसान का मनोबल तोड़ना चाहती है। हम संशोधन पर तैयार नहीं हैं। उन्होंने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा, ‘सरकार आग से खेल रही है इसके परिणाम देखने को मिल सकते हैं।’

उन्होंने कहा कि सरकार हमारे मुद्दों को हल्के में ले रही है, मैं उन्हें इस मामले का संज्ञान लेने के लिए चेतावनी दे रहा हूं। उधर, राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष शिव कुमार कक्का ने कहा, ‘हम सरकार से फलदायी बातचीत के लिए अनुकूल माहौल बनाने का आग्रह करते हैं।

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