BHARAT VRITANT

नए कृषि कानूनों से नाराज किसानों के प्रदर्शन को 50 दिन हो गये है। अभी भी किसान दिल्ली बार्डर पर डटे हुए है। इससे पहले सरकार के साथ किसानों ने कई दौर की बातचीत की लेकिन सभी बेनतीजा रही, यहां तक की सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद भी किसान कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग पर अड़े है।

अब 15 जनवरी को सरकार के साथ किसानों की 9वीं दौर की बैठक हो रही है। बातचीत को लेकर सरकार काफी सकारात्मक है। केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने वार्ता को लेकर उम्मीद जताई है कि इस बार की बातचीत में कोई विकल्प मिलेगा और वे मामले के निपटारे की ओर बढ़ेंगे। वहीं, सरकार से बातचीत से पहले किसान संगठन बैठक कर आगे की रणनीति पर चर्चा कर रहे है। किसान 18 जनवरी को महिला किसान दिवस, 20 जनवरी को गुरु गोविंद सिंह जयंती और 23 जनवरी को राजभवनों पर प्रदर्शन का एलान पहले ही कर चुके हैं। इससे पहले, किसानों के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ाके की सर्दी में किसानों के प्रदर्शनों को लेकर केंद्र सरकार को जमकर फटकार लगाई थी। एपेक्स कोर्ट ने मामले के निपटारे के लिए एक समिति भी गठित की, जो केंद्र और किसान पक्ष के बीच सुलह कराने के बीच कड़ी का काम करेगी। इसके अलावा, कोर्ट ने तीनों नये कानूनों के लागू होने पर अस्थाई रोक भी लगा दी है। हालांकि, किसानों ने समिति से ऐतराज जताया है। किसानों का कहना है कि समिति में उन लोगों को भी शामिल किया गया है, जो नए कानूनों का समर्थन कर रहे हैं।

किसानों ने सिंघु बॉर्डर, पंजाब, हरियाणा व उत्तर प्रदेश समेत कई राज्यों में कृषि कानूनों की प्रतियां जला कर लोहड़ी पर्व मनाया और इन कानूनों के प्रति अपना विरोध जताया। किसानों ने उनकी मांगें नहीं मानने को लेकर भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। उन्होंने नये कृषि कानूनों को रद्द किए जाने की मांग भी की।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *