जम्मू-कश्मीर में हालात काफी हद तक बदल गए हैं और श्रीनगर का शीतलनाथ मंदिर इसकी गवाही दे रहा है. यह मंदिर 31 साल की लंबी अवधि के बाद फिर से खोल दिया गया है. बसंत पंचमी के मौके पर यहां विशेष पूजा भी आयोजित की गई. दरअसल, घाटी में आतंकवाद की शुरुआत और हिंदू विरोधी माहौल बनने के बाद से यह मंदिर बंद था. अब जब हालात सामान्य हो गए हैं, तो हब्बा कदल इलाके में स्थित इस मंदिर को फिर से भक्तों के लिए खोल दिया गया है.
शीतलनाथ मंदिर में पूजा करा रहे रविंदर राजदान ने कहा कि मंदिर को फिर से खोलने में स्थानीय मुस्लिमों का सहयोग सराहनीय है. वे न केवल मंदिर की सफाई के लिए आगे आए बल्कि पूजा के सामान की भी व्यवस्था की. उन्होंने कहा कि पहले हम हर साल बसंत पंचमी पर यहां पूजा करते थे. दरअसल, बाबा शीतलनाथ भैरव की जयंती बसंत पंचमी पर आती है. यही कारण है कि हम इस दिन को धूमधाम से मनाते हैं.
धारा-370 हटाने के बाद से जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियों और पत्थरबाजी की घटनाओं में काफी कमी देखने को मिली है. हाल ही में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री जी किशन रेड्डी ने राज्यसभा में बताया था कि घाटी में 2019 में 157 आतंकवादी मारे गए थे जबकि 2020 में यह संख्या बढ़कर 221 हो गई थी. इसी तरह, 2019 में आतंकी हिंसा के 594 मामले थे, जो 2020 में घटकर 244 हो गए. 2020 में पत्थरबाजी की 327 घटनाएं रिकॉर्ड की गईं, जबकि 2019 में ये 2009 के आसपास थीं.