जम्मू की विशेष टाडा अदालत ने रूबिया सईद अपहरण मामले में जम्मू-कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के मुखिया यासीन मलिक समेत अन्य आरोपियों के खिलाफ आरोप तय किए. कोर्ट ने यह आरोप आरपीसी की धारा 364, 368,120 बी, टाडा एक्ट के सेक्शन-34 और आर्म्स एक्ट के सेक्शन 24 7 के तहत तय किए हैं. देश के पूर्व गृहमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद की बेटी रूबिया सईद के अपहरण मामले में जम्मू के विशेष टाडा अदालत ने जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के संस्थापक यासीन मलिक समेत अन्य के खिलाफ आरोप तय किए. विशेष जज टाडा कोर्ट सुनीत गुप्ता ने एसपी भट्ट के साथ विशेष पीपी मोनिका कोहली की सुनवाई के बाद यासीन मलिक को छोड़ कर सीबीआई और सभी अभियुक्तों के लिए, व्यक्तिगत रूप से, अभियोजन पक्ष के साक्ष्य के लिए 3 मार्च, 2021 को निर्धारित किया.
आरोप तय करते हुए अदालत ने माना कि साल 1989 के दिसंबर महीने में यासीन मलिक ने इस मामले के आरोपियों के साथ रूबिया के अपहरण की साजिश रची. आरोपों में कहा गया है कि रूबिया सईद उस समय कश्मीर के लल डेड हॉस्पिटल में इंटर्नशिप कर रही थी और इस साजिश के तहत यह सभी आरोपी रूबिया का अपहरण कर उसके बदले में जेकेएलएफ के पांच आतंकियों जिनकी पहचान हमीद शेख, अल्ताफ अहमद भट्ट, नूर मोहम्मद, जावेद अहमद जरगर और शेर खान को छुड़ाना चाहते थे.
आरोप में कहा गया है कि 8 दिसंबर 1989 को यासीन मलिक ने मोहम्मद रफी, अली मोहम्मद, अमीर इकबाल अहमद, मुश्ताक अहमद लोन, मंजूर अहमद सोफी, वजाहत बशीर, मेहराजुद्दीन शेख, शौकत अहमद, जावेद अहमद, सलीम, रियाज़ बट, खुर्शीद अहमद डार, बशारत रहमान, तारिक अशरफ, रफाकत अहमद और मंजूर अहमद ने मुस्ताक अहमद लोन के घर पर मुलाकात की और इस अपहरण को अंजाम देने की साजिश रची, जिसके बाद इन सभी आरोपियों ने रूबिया सईद का अपहरण किया.