कोरोना के मद्देनजर यूपी में पंचायत चुनाव की मतगणना रोकने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना कराने की इजाजत दे दी है लेकिन जीत के बाद जश्न पर रोक लगा दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में कहा है कि हमने राज्य चुनाव आयोग की ओर से रखी गई बातों को नोट किया. हम इलाहाबाद हाईकोर्ट के आदेश में दखल देने की जरूरत नहीं समझते.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि जो प्रोटोकॉल हमारे सामने रखा गया, उसका पूरी तरह पालन हो. मतगणना केंद्र के बाहर सख्त कर्फ्यू हो और कोई विजय रैली न निकाली जाए. इसके साथ ही यूपी पंचायत चुनाव की मतगणना पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के मुताबिक 2 मई को ही कराए जाने का रास्ता साफ हो गया है. हर मतगणना केंद्र पर एंटीजन टेस्ट का इंतजाम रहेगा. मतगणना केंद्र पर सैनिटाइजेशन का भी ध्यान रखा जाएगा.
सुप्रीम कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से जारी किए गए दिशा-निर्देश मांगे. कोर्ट ने साथ ही यह भी कहा कि आपको पहले स्थिति का आकलन करना होगा, आपको बड़े स्तर पर निर्णय लेना होगा. इसपर राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि यूपी ने गणना के साथ आगे बढ़ने का निर्णय ले लिया है. प्रदेश सरकार ने निर्णय लिया है कि जमीनी स्तर पर इन निर्णयों का सख्ती से पालन किया जाएगा. इससे पहले कोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग से पूछा कि क्या मतगणना कराना जरूरी है. क्या उसको स्थगित नहीं किया जा सकता. अगर तीन हफ्ते टाल दिया गया तो आसमान नहीं टूट पड़ेगा. इस पर आयोग की ओर से कहा गया कि मेडिकल एक्सपर्ट से बात करने के बाद काउंटिंग को कराने का फैसला लिया गया है.
यूपी सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया कि मतगणना टालने से प्रदेश मई के मध्य तक संभावित कोरोना के पीक से पहले इस लड़ाई में पांच लाख से ज्यादा निर्वाचित प्रतिनिधियों से वंचित हो जाएगा. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि आपका नवीनतम क्या कदम उठाया है? चुनाव आयोग ने कहा कि हमने कल आदेश पास कर दिए हैं. राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि हमने 29 अप्रैल को दो आदेश जारी किए हैं, यह पूरी तरह से चुनाव आयोग के दिशा निर्देशों पर आधारित हैं.
एएसजी ने कोर्ट को बताया कि काउंटिंग के समय सोशल डिस्टेंसिंग और मास्क अनिवार्य है. राज्य चुनाव आयोग ने मतदान और काउंटिंग का डेटा कोर्ट को दिया. 2 लाख सीटों के लिए गिनती की आवश्यक है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा कि क्या आप एंट्री प्वाइंट पर तापमान नापते हैं, सैनिटाइजेशन की क्या व्यवस्था है. इस पर राज्य चुनाव आयोग ने कहा कि हम सिर्फ तापमान की जांच नहीं कर रहे हैं, लेकिन ऑक्सीमीटर से SPO2 भी देखते हैं. आयोग की तरफ से कोर्ट में यह भी कहा गया कि भीड़ इकट्ठा नहीं होना चाहिए, यह सभी आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत अनिवार्य हैं.
यूपी राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से कोर्ट में यह भी कहा गया कि जिसमें भी कोरोना के लक्षण दिखेंगे, उसे एंट्री नहीं दी जाएगी. काउंटिंग सेंटर पर अधिक से अधिक दूरी रखी जाएगी. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा की काउंटिंग सेंटर पर आपने कितनी कुर्सियों की व्यवस्था की है, सीट के लिए क्या व्यवस्था की गई है. सुप्रीम कोर्ट ने काउंटिंग स्थल पर तनावपूर्ण परिस्थितियों का भी जिक्र किया और कहा कि तब हालात नियंत्रण में नहीं होते. इसपर यूपी सरकार की ओर से कहा गया कि गिनती रविवार को है और उस दिन कर्फ्यू लगा है. हमें विश्वास है कि हम स्थिति नियंत्रित करने में सक्षम होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हमें आज की स्थिति पर विचार करना होगा, आप हमें अतीत के बारे में बताते रहेंगे. स्थिति आज अलग है