सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज मार्कंडेय काटजू ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी है. चिट्ठी में जस्टिस काटजू ने पीएम मोदी से कहा कि किसानों की ओर से कोर्ट की कमेटी को ठुकराने के बाद सरकार को तुरंत कानून वापस लेना चाहिए और साथ ही हाई पावर किसान कमीशन का गठन करना चाहिए.
मार्कंडेय काटजू ने लिखा, ‘भारत में किसान आंदोलन और इससे जुड़ी समस्याएं एक गतिरोध पर पहुंच गई हैं. किसान संगठनों ने सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त 4 सदस्य समिति की सुनवाई में भाग लेने से इंकार कर दिया है और स्पष्ट रूप से कहा है कि जब तक उन 3 कानूनों को रद्द नहीं किया जाता है, तब तक आंदोलन खत्म नहीं होगा.
जस्टिस काटजू ने आगे लिखा, ‘भारी संख्या में किसान दिल्ली की सीमा पर कैंप किए हुए हैं, लेकिन 26 जनवरी को दिल्ली में प्रवेश करने और अपने ट्रैक्टरों के साथ गणतंत्र दिवस परेड में शामिल होने के लिए दृढ़ संकल्पित हैं. यह स्पष्ट है कि सरकार द्वारा अनुमति नहीं दी जाएगी और परिणामस्वरूप पुलिस व अर्धसैनिक बल लाठीचार्ज और गोलीबारी करेंगे, जिसके बाद हिंसा हो सकती है.’ उन्होंने आगे लिखा, ‘मुझे यकीन है कि आप इससे बचना चाहेंगे. मेरे दिमाग में गतिरोध को हल करने के लिए यह उपाय हैं.’
1) सरकार को 3 कानूनों को तुरंत रद्द करते हुए अध्यादेश जारी करना चाहिए. यदि आप ऐसा करते हैं तो सभी आपकी तारीफ करेंगे. यदि कोई पूछता है कि कानून क्यों बनाए गए, तो आप कह सकते हैं कि हमने गलती की है, हमें अपनी गलती का एहसास है और इसे सही कर रहे हैं. सभी इंसान गलती करते हैं. ऐसा करने से आलोचना से ज्यादा आपकी सराहना होगी.
2) इसके साथ ही, सरकार को प्रमुख किसान संगठनों, सरकार के प्रतिनिधियों और कृषि विशेषज्ञों के सदस्यों की एक उच्च शक्ति वाली किसान आयोग की नियुक्ति करनी चाहिए, जो किसानों की समस्याओं के सभी पहलुओं पर विचार कर कर्तव्य के साथ काम करे. किसानों को उनकी उपज के लिए पर्याप्त पारिश्रमिक नहीं मिल रही है, जिस कारण 3 से 4 लाख किसान पहले ही आत्महत्या कर चुके हैं. इस किसान आयोग द्वारा कई महीनों तक चर्चा करनी चाहिए और फिर जो आम सहमति बने, उस पर एक व्यापक कानून के बनाया जाना चाहिए.