मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत की जुबान बार-बार फिसल रही है। पहले उन्होंने महिलाओं के पहनावे को लेकर बेतुके बयान दिये। फिर भारत को अमेरिका का गुलाम बताकर नई बहस को जन्म दिया है। इतना ही नहीं, कोरोना काल में सरकार द्वारा मुफ्त राशन वितरण कार्यक्रम की तारीफ करने के चक्कर में वह आम जनता के लिए अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल कर बैठे। कांग्रेस ने तीरथ सिंह रावत के बयानों की कड़ी आलोचना की है।
रविवार को वन विभाग के कार्यक्रम में शिरकत करने सी.एम. तीरथ सिंह रावत रामनगर गये थे। यहां अपने संबोधन में कह बैठे कि भारत अमेरिका का दो सौ वर्षों तक गुलाम रहा। प्रधानमंत्री मोदी के स्टाइल में तीरथ सिंह रावत गर्दन और हाथ हिलाकर भाषण देते समय गलत बयानी कर बैठे। दरअसल, वह कोरोना काल में गरीबों को मुफ्त राशन देने की बात कहकर भाजपा सरकार की उपलब्धियां गिनाना चाहते थे।
उन्होंने कहा कि सरकार ने ऐसा बढ़िया किस्म का चावल मुफ्त में दिया जो आम जनता कभी नहीं खरीद सकती थी। इतना ही नहीं, सीएम ने कहा कि हर यूनिट पांच किलो चावल दिया। जिस घर में पांच थे, उसे 25 किलो मिला। जहां दस थे उसे 50 किलो मिला। यहां भी जलन होने लगी। दो यूनिट वालों को पांच यूनिट वालों से और पांच यूनिट वालों को दस यूनिट वालों से। अरे भाई इसमें जलन कैसी। जब समय था तब दो ही पैदा किए। 20 क्यों नहीं पैदा किए। सी.एम. यह कहकर कम बच्चे पैदा करने वालों की तारीफ करना चाहते थे या अधिक बच्चे पैदा करने वालों की आलोचना, यह भी साफ नहीं हुआ।
सीएम के रविवार के बयान की कांग्रेस ने कड़ी आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता गरिमा दसौनी का कहना है कि समझ में नहीं आता कि सी.एम. ऐसा बयान क्यों दे रहे हैं। उनकी सोच समझ का अंतर है या शिक्षा दीक्षा की कमी है या वह इरादतन ऐसा बयान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री का पद गरिमामयी पद होता है। तीरथ सिंह रावत को सोच समझकर बोलना चाहिए।